-ट्रंप की धमकी के बाद जेलेंस्की पड़े ठंडे, क्या पुतिन जंग कर देंगे खत्म? वाशिंगटन,(ईएमएस)। रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए स्विट्जरलैंड के जेनेवा में बातचीत जारी है। अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों के बीच जिनेवा में जारी बातचीत में कोशिश की जा रही है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाए। अमेरिकी शांति योजना के प्लान में यूक्रेन की कई अहम मांगें जोड़ दी गई हैं, जिसके बाद यूक्रेन के भी इस पर मानने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। बातचीत के मुख्य नेगोशिएटर रुस्तम उमेरोव ने कहा कि दस्तावेज अभी अंतिम रूप में नहीं है, लेकिन अब इसमें यूक्रेन की ज्यादातर प्राथमिकताएं शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी डेलिगेशन में मार्को रुबियो, अमेरिकी सेना सचिव डेनियल पी ड्रिस्कॉल, डिप्लोमेट स्टीव विटकॉफ, यूक्रेन में अमेरिकी राजदूत जूली डेविस, जेरेड कुश्नर, माइकल नीदम, एंडी बेकर और नाटो कमांडर जनरल एलेक्सस ग्रिन्केविच शामिल थे। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन की टीम के साथ बेहद सकारात्मक और रचनात्मक बैठक हुई। मार्को रुबियो ने कहा है कि समझौते की दिशा में प्रगति हुई है और ये योजना आगे बढ़ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले यूक्रेन को जीरो ग्रेटीट्यूड वाला कहकर आलोचना की थी, लेकिन बाद में संकेत दिया कि बातचीत अभी सही दिशा में है। उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं और किसी न किसी तरह यह युद्ध खत्म होगा। अमेरिका ने यूक्रेन को चेतावनी भी दी है कि अगर वह प्रस्तावित समझौते को न माने, तो सैन्य सहायता, मिसाइलें, इंटेलिजेंस और बाकी पूरा सहयोग रोक दिया जाएगा। इसके बाद यूक्रेन के रुख में भी बदलाव आया और बातचीत आगे बढ़ी है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और उनके कार्यालय प्रमुख एंड्रिव यरमैक ने कहा कि जिनेवा में वार्ता आगे बढ़ रही है। जेलेंस्की ने फ्रांस के राष्ट्रपति से बात करने के बाद कहा कि वार्ता का लक्ष्य यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए भरोसेमंद शांति हासिल करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को याद रखना चाहिए कि युद्ध रूस ने शुरू किया था और वही इसे खत्म करने से इनकार कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उन्हें अमेरिकी प्रस्ताव मिला है और यह शांति समझौते का आधार बन सकता है, लेकिन अमेरिका अभी यूक्रेन की मंजूरी तक नहीं ले पाया है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन अभी भी इस भ्रम में है कि वह रूस को युद्ध में हारा सकता है। बता दें जो योजना इस बार तैयार की गई है 28 सू्त्रीय योजना में रूस की ज्यादातर मांगें शामिल हैं, जिन पर अलास्का में हुए शिखर सम्मेलन में भी रूस अड़ा था। इसी वजह से माना जा रहा था कि यूक्रेन इसे नहीं मानेगा लेकिन फिलहाल बात बनती दिख रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सीनेटर्स के एक समूह ने दावा किया कि यह योजना अमेरिका नहीं, बल्कि रूस ने तैयार की है। हालांकि विदेश मंत्री रुबियो ने कहा है कि योजना अमेरिका की ही है, लेकिन इसमें रूस और यूक्रेन, दोनों के लिए इनपुट है। यूरोप और यूक्रेन के 48 मौजूदा और पूर्व नेताओं ने ट्रम्प को पत्र लिखकर साफ किया कि रूस के लिए कोई रियायत नैतिक रूप से गलत नहीं है और मानवता के खिलाफ है। सिराज/ईएमएस 24नवंबर25