नवनियुक्त सीजेआई ने केसों की लिस्टिंग के तौर-तरीकों पर जताई नाराजगी नई दिल्ली,(ईएमएस)। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद संभाल लिया है। उन्होंने जस्टिस बीआर गवई का स्थान लिया, जो रविवार, 23 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो गए थे। मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले जस्टिस सूर्यकांत को 30 अक्टूबर को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह करीब 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र होने पर जस्टिस सूर्यकांत इस पद से रिटायर होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई बनते ही जस्टिस सूर्यकांत ने तीन जजों की पीठ की अध्यक्षता करते हुए केसों की लिस्टिंग के तौर-तरीकों पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने इस बात पर घोर ऐतराज जताया कि कुछ लोग मामलों को उसी दिन मेंशन करते हैं और उसे लिस्ट करने का अनुरोध करते हैं, जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसी मामले को मेंशन करने और उसी दिन उसे लिस्ट करने का यह तरीका हमेशा के लिए स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैंने पहले ही कहा है कि मौत की सजा या अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े जरूरी मामलों को छोड़कर...आपको मेंशनिंग के लिए सर्कुलेट करना होगा और प्रोसेस को फॉलो करना होगा। इसके साथ ही नवनियुक्त सीजेआई सूर्यकांत ने साफ कहा कि बहुत खास हालात को छोड़कर, अर्जेंट लिस्टिंग के लिए रिक्वेस्ट मेंशनिंग स्लिप के जरिए लिखकर की जानी चाहिए, न कि बोलकर। उन्होंने आगे कहा कि रजिस्ट्री पहले स्लिप और अर्जेंट होने के कारणों का पता लगाएगी, और उसके बाद ही मामला लिस्ट होगा। एक वकील ने सीजेआई सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस एएस चंदुरकर की बेंच के सामने एक कैंटीन गिराने से जुड़े मामले का अर्जेंट मेंशन किया था। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने ये सख्त टिप्पणी की और वकील के मामले की तत्काल सुनवाई के अनुरोध को खारिज कर दिया। रिपोर्ट में लाइव लॉ के मुताबिक जब उस वकील ने मामले में अर्जेंट होने पर जोर दिया, तो सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि जब तक कोई खास हालात न हों, जब किसी की आजादी शामिल हो, मौत की सजा वगैरह का सवाल हो, तभी मैं इसे लिस्ट करूंगा। नहीं तो, कृपया स्लिप में मेंशन करें, रजिस्ट्री फैसला करेगी और मामले को लिस्ट करेगी। सिराज/ईएमएस 24नवंबर25 ----------------------------------