26-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 29 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को एक स्वघोषित आयुर्वेदिक हीलर ने सेक्सुअल समस्याओं का इलाज करने के नाम पर 48 लाख रुपये का चूना लगा दिया। पीड़ित ने ज्ञानभारती पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि ठग ने उसे महंगी, हानिकारक और कथित रूप से दुर्लभ हर्बल दवाएं कहकर बेंचा, जिससे न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि उसकी सेहत भी खराब कर दी। यहां बताते चलें कि यह देश का पहला मामला नहीं है, इस तरह के अनेक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर पढ़े-लिखे युवा फंस रहे हैं। मौजूदा मामले की शिकायत के अनुसार, युवक की शादी मार्च 2023 में हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद उसे निजी समस्या होने लगी, जिसके लिए वह केंगरी स्थित एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में इलाज करा रहा था। इसी दौरान 3 मई को वह उल्लाल में लॉ कॉलेज के पास से गुजर रहा था, जहां उसे सड़क किनारे लगे एक आयुर्वेदिक तंबू पर पोस्टर दिखाई दिया, जिसमें सेक्सुअल समस्याओं का तुरंत समाधान करने का दावा किया गया था। पीड़ित अंदर गया तो वहां मौजूद एक व्यक्ति ने उसे विजय गुरुजी नाम के कथित हीलर से मिलवाने का वादा किया। रिपोर्ट के मुताबिक, उसी शाम एक व्यक्ति तंबू में आया और खुद को विजय गुरुजी बताया। उसने पीड़ित की जांच करने के बाद कहा कि उसकी समस्या का एकमात्र समाधान देवराज बूटि नाम की दुर्लभ जड़ी है। उसने दावा किया कि यह दवा हरिद्वार से लाई जाती है और यशवंतपुर स्थित विजयलक्ष्मी आयुर्वेदिक मेडिसिन शॉप पर ही उपलब्ध है। कथित गुरुजी के अनुसार देवराज बूटि का एक ग्राम 1.6 लाख रुपये का है तथा भुगतान सिर्फ नकद ही किया जा सकता है। इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि दवा खरीदने कोई साथ न आए, नहीं तो उसकी शक्ति खत्म हो जाएगी। पीड़ित ने माता-पिता से पैसे लेकर दवा खरीदी और गुरुजी के बताए अनुसार उसका सेवन शुरू किया। इसके बाद उसे एक खास आयुर्वेदिक तेल खरीदने का दबाव बनाया गया, जिसकी कीमत 76,000 रुपये प्रति ग्राम थी। धीरे-धीरे पीड़ित से 17 लाख रुपये वसूल लिए गए। फिर उसे अतिरिक्त 18 ग्राम देवराज बूटि खरीदने के लिए उकसाया गया, जिसके लिए उसने बैंक से 20 लाख रुपये का कर्ज लिया। बाद में उसे देवराज रसाबूटि नामक एक और दवा खरीदने के लिए मनाया गया, जिसकी कीमत 2.6 लाख रुपये प्रति ग्राम बताई गई। इसके लिए उसने दोस्तों से 10 लाख रुपये उधार लिए। कुल मिलाकर पीड़ित ने 48 लाख रुपये दवाओं पर खर्च किए। दवाओं से कोई लाभ न होने पर जब उसने अस्पताल में जांच कराई, तो रिपोर्ट में किडनी संबंधी समस्या सामने आई। पीड़ित का आरोप है कि इन तथाकथित जड़ी-बूटियों के सेवन से उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसने विजय, दवा दुकान के मालिक और उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसने उसे टेंट से गुरुजी तक पहुंचाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस तरह के मामले उजागर होने के साथ ही इलाज के नाम पर ऐसे लुटेरों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है, वही अब भी हो रहा है। हिदायत/ईएमएस 26 नवंबर 2025