क्षेत्रीय
26-Nov-2025
...


- निजी विवि विनियामक आयोग के चेयरमैन से भेंट कर सौपां ज्ञापन - विवि प्रशासन पर लगाया तानाशाही का आरोप, एफआईआर दर्ज करने की मांग की - तीन सदस्यीय जॉच कमेटी बनाई गई, तीन दिन में पेश होगी रिर्पोट भोपाल(ईएमएस)। वीआईटी विश्वविद्यालय सीहोर में छात्रों के साथ लगातार हो रही अव्यवस्था, दूषित भोजन से सैकड़ों छात्रों के बीमार होने, छात्रावासों में कुप्रबंधन, प्रशासन द्वारा शिकायतों की अनदेखी तथा पूर्व में भी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप, पानी की समस्या और अवैध फीस वसूली जैसै गंभीर आरोप लगाते हुए एनएसयूआई ने निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग से कार्रवाई की मांग की है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार एवं जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में एनएसयूआई के प्रतिनिधि मंडल ने निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन खेमसिंह डेहरिया से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने वीआईटी विश्वविद्यालय सीहोर में हुई घटनाओं का सारी जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच समिति गठित करने और जरूरी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल में भोपाल जिला के उपाध्यक्ष लक्की चौबे अमित हाटिया धीरज वर्मा नितिन तोमर अभय रामभक्त राजवीर सिंह शामिल थें। - संगठन ने आयोग के सामने यह मुद्दे उठाए एनएसयूआई ने दूषित भोजन से 100 से अधिक छात्रों का बीमार होने को लेकर आयोग को अवगत कराया की छात्रावासों में लगातार खराब भोजन दिए जाने की शिकायतों के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे सैकड़ों छात्र बीमार हो गए और कई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके साथ ही संगठन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश करने की बात भी कही। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा शिकायतों पर कार्रवाई न करने के कारण छात्रों को प्रदर्शन करना पड़ा, लेकिन प्रबंधन ने समस्या का समाधान करने की बजाय 30 नवंबर तक अवकाश घोषित कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया। इसके साथ ही पूर्व की गंभीर घटनाएँ जिन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिनमें छात्रों को हनुमान चालीसा पढ़ने से रोकना, छात्रावासों में पानी की भारी कमी को लेकर विरोध , अटेंडेंस के नाम पर अवैध फीस वसूली जैसी शिकायतें शामिल है। इनमें से किसी भी मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। - एनएसयूआई ने आयोग से की ठोस कदम उठाने की मांग संगठन ने मांग की है की विश्वविद्यालय के संचालक एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो क्योंकि लापरवाही के कारण छात्रों की तबीयत बिगड़ने और अव्यवस्था फैलने के लिए प्रशासन पूर्णतः जिम्मेदार है। साथ ही उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन आयोग के विशेषज्ञ सदस्य, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व छात्र संगठनों को शामिल कर निष्पक्ष और समयबद्ध जांच कराई जाए। विश्वविद्यालय के संचालन, छात्रावासों और भोजन व्यवस्था की विस्तृत ऑडिट पिछले वर्षों में हुई सभी शिकायतों और नियम उल्लंघनों का लेखा-जोखा लिया जाए। छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम जब तक स्थिति सामान्य न हो, विश्वविद्यालय में सुरक्षा बढ़ाई जाए और सभी छात्रों को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा की जाए। स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी का गठन सभी निजी विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और छात्र हितों की निगरानी हेतु समिति अनिवार्य की जाए। * चेयरमैन खेमसिंह डेहरिया ने दिया आश्वासन मुलाकात के दौरान निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन खेमसिंह डेहरिया ने प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों और तथ्यों का संज्ञान लेते हुए कहा कि, “आयोग इस प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है। जांच रिर्पौट पर शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।” - तीन सदस्यीय कमेटी गठित, तीन दिन में देनी होगी जॉच रिर्पोट पूरी घटना की जांच को लेकर मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने जांच के लिए 3 सदस्यीय जॉच समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल शिवानी और दो सदस्य हैं। सदस्यों में एमवीएम कॉलेज भोपाल के प्रोफेसर संजय दीक्षित और गांधी मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक डॉ लोकेंद्र दवे शामिल है। जॉच कमेटी को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जुनेद / 26 नवंबर