ज़रा हटके
27-Nov-2025
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जेनेवा,(ईएमएस)। संयुक्त राष्ट्र की एक ताज़ा रिपोर्ट ने दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की भयावह तस्वीर सामने लाकर रख दी है। रिपोर्ट के अनुसार, हर दस मिनट में एक महिला या लड़की अपने ही साथी या परिवार के किसी सदस्य द्वारा हत्या का शिकार होती है। यह औसतन प्रतिदिन 137 हत्याओं के बराबर है, जो वैश्विक स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) और यूएन विमेन द्वारा जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है, कि पिछले वर्ष कुल 83,000 महिलाओं और लड़कियों की हत्या हुई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 60 प्रतिशत यानी करीब 50,000 हत्याएँ उनके वर्तमान या पूर्व साथी, पति या परिवार के सदस्यों द्वारा की गईं। इसके उलट, पुरुषों की हत्याओं में केवल 11प्रतिशत मामलों में ही परिवार या साथी की भूमिका पाई गई, जो बताता है कि घरेलू और लैंगिक हिंसा का सबसे बड़ा शिकार महिलाएँ ही होती हैं। फेमिसाइड के बढ़ते मामलों से चिंता रिपोर्ट ने विशेष रूप से फेमिसाइड, महिलाओं की लैंगिक आधार पर की गई हत्या को वैश्विक महामारी बताया है। कई देशों में महिलाएँ न केवल अपने घर में सुरक्षित नहीं हैं, बल्कि अधिकांश मामलों की रिपोर्टिंग भी ठीक से नहीं होती। ऐसे में असल संख्या और भी अधिक होने की आशंका जताई गई है। कोविड-19 के बाद घरेलू हिंसा में उछाल संयुक्त राष्ट्र की पिछली रिपोर्टों के मुताबिक, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई थी, जिसका दीर्घकालिक असर आज भी देखने को मिल रहा है। यूएन ने देशों से की सख्त कार्रवाई की अपील रिपोर्ट में सरकारों से अपील की गई है कि वे घरेलू हिंसा कानूनों को और सख्त करें। पीड़ित महिलाओं के लिए त्वरित सुरक्षा और सहायता तंत्र विकसित करें। परिवार और साझेदारी संबंधों में महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। रिपोर्ट के निष्कर्ष साफ इशारा करते हैं कि वह घर जिसे महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है, वही कई बार उनकी जान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर समाजों और सरकारों ने मिलकर कार्रवाई नहीं की, तो यह संकट और गंभीर रूप ले सकता है। हिदायत/ईएमएस 27 नवंबर 2025