वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप (जेडब्ल्यूएसटी) ने ब्रह्मांड की एक बेहद दुर्लभ और रहस्यमयी तस्वीर कैद किया है। नासा ने इस सिस्टम को ‘अपेप’ नाम दिया गया है। तस्वीर में यह सिस्टम सचमुच एक ब्रह्मांडीय तूफ़ान या भ्रूण जैसा दिखाई देता है। इसके चारों ओर घूमती धूल की सर्पिल संरचनाएं इसकी रहस्यमयता को और बढ़ा देती हैं। इस सिस्टम में कुल तीन तारे मौजूद हैं, जिनमें से दो अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली वुल्फ-रायेट तारे हैं। ये तारे अत्यधिक गर्म, विशाल और बेहद अस्थिर होते हैं। इनमें से निकलने वाली प्रचंड हवाएं हीलियम, नाइट्रोजन और कार्बन से भरा भारी मैटर अंतरिक्ष में छोड़ती रहती हैं। मिल्की वे गैलेक्सी में अरबों तारों के बीच केवल लगभग 1,000 वुल्फ-रायेट तारे ही ज्ञात हैं, इसलिए अपेप का यह संयोजन अत्यंत अनोखा है। इन तारों से निकलने वाली तेज हवाएं मिलकर एक नेबुला बनाती हैं। आमतौर पर जब कोई वुल्फ-रायेट तारा किसी दूसरे तारे के साथ होता है, तो उनकी गुरुत्व शक्ति नेबुला का आकार प्रभावित करती है, लेकिन अपेप सिस्टम में यह स्थिति और जटिल है क्योंकि यहां दो वुल्फ-रायेट तारे हैं। ये दोनों तारे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं और उनकी कक्षा 190 साल की है, जो इस तरह के तारों में अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है। जब ये तारे करीब आते हैं, तो उनकी प्रचंड हवाएं टकराती हैं और अत्यधिक घनी धूल का निर्माण करती हैं। यही धूल हर 25 साल में एक सर्पिल संरचना बनाती है, जो बाहर की ओर फैलते हुए एक ब्रह्मांडीय घोंसले जैसी आकृति लेती जाती है। इस सिस्टम की खोज 2018 में हुई थी, लेकिन तब वैज्ञानिक केवल इसकी सबसे चमकदार भीतरी सर्पिल को ही देख पाए थे। अब जेडब्ल्यूएसटी के एमआईआरआई उपकरण ने इन संरचनाओं को पहले से कहीं अधिक स्पष्ट रूप में दिखाया है, और ये सर्पिलें मानो एक-दूसरे के भीतर समाई हुई हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, तस्वीर में दिखाई देने वाली संरचनाएं पिछले 700 वर्षों में बनी चार अलग-अलग सर्पिलों को दर्शाती हैं। इनमें सबसे बाहरी सर्पिल टेलीस्कोप की विजिबिलिटी की सीमा पर दिखाई देती है। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता यीनुओ हान के अनुसार, वेब की इमेज ने पहली बार पूरे सिस्टम को ऐसे उजागर किया है जैसे अंधेरे कमरे में अचानक रोशनी जला दी गई हो। जेडब्ल्यूएसटी के डेटा ने यह भी पुष्टि की है कि अपेप के तीनों तारे एक-दूसरे से गुरुत्वाकर्षण द्वारा जुड़े हुए हैं। तस्वीरों में तीसरा तारा भी दिखाई देता है, जो दोनों वुल्फ-रायेट सितारों से भी अधिक विशाल है। यह सुपरजायंट तारा सूर्य से लगभग 40 से 50 गुना अधिक भारी है। इसकी मौजूदगी फैलती हुई धूल में बनने वाली एक अनोखी कैविटी से उजागर होती है, जो हर सर्पिल में लगभग एक ही स्थान पर दिखाई देती है और कीप जैसी आकृति बनाती है। यह ट्रिपल सिस्टम भविष्य में ब्रह्मांड के सबसे विनाशकारी दृश्यों में से एक पेश करेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, तीनों तारे अंततः सुपरनोवा विस्फोट के रूप में फटेंगे। दोनों वुल्फ-रायेट तारे संभवतः गामा-रे बर्स्ट उत्पन्न करेंगे और ब्लैक होल बन जाएंगे, जबकि तीसरा सुपरजायंट तारा एक न्यूट्रॉन स्टार छोड़ेगा। सुदामा/ईएमएस 27 नवंबर 2025