-वजह जानकर आप रह जाएंगे हैरान, स्पेन में 2009 में खुला था यह मॉडर्न एयरपोर्ट मैड्रिड,(ईएमएस)। स्पेन का एक ऐसा एयरपोर्ट, जिसे अरबों रुपये खर्च करके बनाया, जिसे यूरोप का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई हब बनाने का सपना हो, जहां दुनिया भर की फ्लाइट्स आने की उम्मीद हो और वह एयरपोर्ट वीरान हो जाए तो फिर क्या होगा। यह आपको जरुरी कहानी लगे, लेकिन स्पेन का रियल सिउदाद एयरपोर्ट बिल्कुल ऐसा ही असली, चौंकाने वाला और बहुत महंगा प्रोजेक्ट था तो फेल हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रियल सिउदाद एयरपोर्ट को 2009 में खोला गया था। इसे बनाने में 1.1 बिलियन यानी 10,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च हुए थे। स्पेन सरकार और निवेशकों को पूरा विश्वास था कि यह देश का अगला बड़ा एविएशन हब बनेगा। एयरपोर्ट पर आधुनिक सुविधाएं दी गई थी। इसकी सबसे खास बात थी यूरोप की सबसे लंबी रनवे, जिसकी लंबाई करीब 4.1 किलोमीटर थी। इसके अलावा, एयरपोर्ट का आधुनिक टर्मिनल 10 मिलियन यात्रियों को हर साल संभालने की क्षमता रखता था। इन सभी खूबियों को देखते हुए निवेशकों का मानना था कि यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से बेहद फायदे का सौदा साबित होगा, लेकिन सपनों पर आधारित यह भरोसा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया। एयरपोर्ट बनने के बाद जिन उम्मीदों पर इसे खड़ा किया था, वे एक-एक कर टूटती चली गईं और कुछ ही सालों में यह भव्य प्रोजेक्ट ठप हो गया। यह एयरपोर्ट मैड्रिड से करीब 200 किमी दूर बनाया गया था। लोगों के लिए इतनी दूर जाकर फ्लाइट पकड़ना आसान नहीं था, चाहे टिकट कितनी ही सस्ती क्यों न हो। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने वादा किया था कि मैड्रिड–सेविले हाई-स्पीड रेल स्टेशन एयरपोर्ट तक बनाया जाएगा, जिससे लोग एक घंटे में पहुंच सकेंगे, लेकिन यह स्टेशन बना ही नहीं सका। इससे यात्रियों की संख्या बहुत कम रह गई। शुरुआत में कई एयरलाइंस यहां से उड़ी, लेकिन कम यात्रियों की वजह से कंपनियां एक–एक करके पीछे हट गईं। आखिर में एक एयरलाइन बची, जिसने 2011 में अपनी सेवाएं बंद कर दीं। इसके बाद एयरपोर्ट पूरी तरह वीरान हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक यात्रियों के बिना एयरपोर्ट चलाना नामुमकिन था। संचालन कंपनियों पर 300 मिलियन यानी 2,700 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया और 2012 में एयरपोर्ट बंद कर दिया गया। यह उस समय दुनिया के सबसे बड़े ‘फेल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट्स’ में से एक माना जाने लगा। एयरपोर्ट को बेचने के लिए शुरुआती न्यूनतम कीमत 100 मिलियन यानी करीब 900 करोड़ रखी गई थी, लेकिन किसी ने खरीदने में रुचि ही नहीं दिखाई। रिपोर्ट के मुताबिक एक समय तो एक चीनी समूह ने इसे खरीदने के लिए सिर्फ 10,000 यानी करीब 9 लाख रुपए की बोली लगाई थी। यह खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मजाक की तरह फैल गई और स्पेन के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई थी। कई सालों बाद 2018 में एयरपोर्ट सिर्फ 56 मिलियन यानी करीब 5,040 करोड़ रुपए में बेचा गया जो इसकी असली लागत से काफी कम था। 2019 में इसे फिर से खोला गया, लेकिन अब यह एक स्टोरेज, मेंटेनेंस और विमान तोड़ने का केंद्र बन गया है। कोविड के दौरान यहां कई विमानों को पार्क किया गया था, लेकिन यह कभी भी वह बड़ा यात्री हब नहीं बन पाया, जिसके लिए इसे तैयार कर सपना देखा गया था। सिराज/ईएमएस 28 नवंबर 2025