अंतर्राष्ट्रीय
28-Nov-2025


इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की हालत पर अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान पूरी तरह ठीक हैं, अदियाला जेल में डॉक्टरों की टीम नियमित जांच कर रही है—दवाइयां, खाना, व्यायाम सब सुविधाएं मिल रही हैं। लेकिन मुलाकात रोकने का बहाना दिया कि इमरान इस्लामाबाद पर हमले की साजिश रच रहे हैं। जेल में कैदी अगर राजधानी पर हमला प्लान करे, तो मिलने कैसे दें? सनाउल्लाह ने कहा। उनका दावा है कि पीटीआई ने पहले भी देश को नुकसान पहुंचाया, इसलिए सख्ती जरूरी। यह बयान इमरान की सुरक्षा और सरकार की मंशा पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। पाकिस्तान की सियासत में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत की अफवाहों ने भूचाल ला दिया है। शहबाज शरीफ सरकार पारदर्शिता की मांगों पर खामोश बनी हुई है, जबकि खान की बहन नूरीन नियाजी ने देश की स्थिति को हिटलर के जर्मनी से तुलना कर दी। उन्होंने कहा कि सरकार डर और सेंसरशिप से लोगों को दबा रही है, मीडिया को कुचल दिया गया है और पत्रकार खुलकर बोलने की हिम्मत खो चुके हैं। नियाजी का आरोप है कि पाकिस्तान अब ऐसी जगह बन गया है जहां सरकार मनचाहे लोगों को उठा लेती है, जबकि सच को दबाने के लिए मीडिया पर नियंत्रण कर रही है। हिटलर किताबों में पढ़ा था जो लोगों को तहखानों में बंद करता था, वही आज पाकिस्तान में हो रहा है, उन्होंने कहा। कई नामी पत्रकारों को हिरासत में लेकर दबाव में बयान लिए जाते हैं, रिहा होने के बाद बोलने की आजादी नहीं। डर के माहौल से कई पत्रकार देश छोड़ चुके हैं—उनके बैंक खाते ब्लॉक, पासपोर्ट जब्त और संपत्ति जब्त कर ली गई। नूरीन नियाजी अपनी बहनों अलीमा खान और डॉक्टर उजमा खान के साथ प्रदर्शन कर रही थीं। उन्हें एक महीने से ज्यादा समय से इमरान से मुलाकात की इजाजत नहीं मिली। पंजाब पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान बदसलूकी की, उन्हें धक्का दिया। नियाजी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को तानाशाह करार दिया। उनका कहना है कि सत्ता का असली केंद्र सेना है, मुनीर प्रधानमंत्री शहबाज से ज्यादा ताकतवर हैं। शहबाज की चुनावी जीत भी सेना की मदद से ही संभव हुई। इमरान के बेटे कासिम खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की। उन्होंने कहा कि पिता को 845 दिनों से हिरासत में रखा गया है, पिछले छह हफ्तों से मौत की सजा वाली सेल में एकांत कारावास—कोई पारदर्शिता नहीं। अदालत के आदेश के बावजूद बहनों को मुलाकात नहीं, न फोन, न विजिट। यह सिक्योरिटी प्रोटोकॉल नहीं, स्थिति छुपाने की साजिश है। सरकार हर परिणाम के लिए जिम्मेदार होगी, कासिम ने कहा। उन्होंने मानवाधिकार संगठनों, वैश्विक नेताओं से इमरान के जीवित होने का प्रमाण मांगने, एकांतवास खत्म करने और रिहाई की मांग की। वीरेंद्र/ईएमएस/28नवंबर2025