गुना (ईएमएस) । जयोस्तु मराठा यह गौरव और संस्कार तब और गहरे हो जाते हैं, जब राष्ट्र सेवा और धर्म साधना के शीर्ष व्यक्तित्व एकाकार होते हैं। दरअसल शुक्रवार को जैन समाज द्वारा आयोजित एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान में, मराठा साम्राज्य के प्रतिष्ठित वंशज और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निर्यापक मुनिश्री योग सागरजी महाराज के दर्शन किए। महाराष्ट्र-कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले और जिनकी शिक्षा मराठी एवं कन्नड़ भाषाओं में हुई है, ऐसे मुनिश्री और ग्वालियर के मराठा राजवंश के सिंधिया जी की यह भेंट केवल औपचारिक नहीं, बल्कि मातृभाषा मराठी में हुई एक आत्मीय चर्चा के कारण अविस्मरणीय बन गई। यह भेंट इसलिए विशेष बन गई क्योंकि एक राष्ट्रीय संत और एक राष्ट्रीय नेता, दोनों ने अपनी साझी मातृभाषा मराठी में अत्यंत आत्मीय और विस्तृत चर्चा की। जानकारी के अनुसार गौशाला प्रांगण में संजीव भैयाजी कटंगी के निर्देशन में आयोजित शांतिनाथ महामंडल विधान में जब केंद्रीय मंत्री सिंधिया पहुंचे और मुनिसंघ को श्रीफल भेंट किया, तो वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक क्षण को देखा। लेकिन जब दोनों ने अपनी मराठी भाषा में विस्तृत चर्चा शुरू की, तो आसपास जमा जैन भक्तों और अन्य लोगों की निगाहें मुस्कान के साथ उन पर टिक गईं। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने काफी देर तक मराठी में ही मुनिश्री के स्वास्थ्य और धर्म की प्रभावना की जानकारी ली। वहीं बाद में जनसभा को हिन्दी में संबोधित करते हुए कहा कि जैन धर्म के दो मूलभूत सिद्धांतों जियो और जीने दो तथा क्षमावाणी को अपने जीवन का आधार बताया। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक भारतीय इन सिद्धांतों को अपना ले, तो हमारा देश निश्चित रूप से स्वर्ग बन जाएगा। सिंधिया जी ने याद किया कि उन्होंने मात्र आठ वर्ष की उम्र में अपने पिता से प्रेरणा लेकर इन सिद्धांतों को अपनाया था और ग्वालियर के जैन मंदिर में भगवान को नमस्कार किया था। उन्होंने गर्व से बताया कि यही शिक्षा और सिद्धांत उन्होंने अपने पुत्र को भी दिए हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, ब्रह्मचारी संजीव भैयाजी ने जैन संत आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के महान उपकारों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। इनमें आचार्यश्री को भारत रत्न से सम्मानित करने और उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी करने की मांग प्रमुख थी। इसके अतिरिक्त, जबलपुर-रायपुर इंटरसिटी ट्रेन का नामकरण आचार्य विद्यासागर इंटरसिटी ट्रेन करने, गौशाला में जलभराव से गायों को बचाने के लिए पुलिया निर्माण करने और गायों की चिकित्सा हेतु डॉक्टर की सेवा सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन सभी मांगों को ध्यान से सुना और उन्हें शीघ्र ही पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे जैन समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई। कार्यक्रम का संचालन अभिजीत गोयल ने किया और अनिल अंकल ने आभार व्यक्त किया।- सीताराम नाटानी