राष्ट्रीय
28-Nov-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत-म्यांमार सीमा पर ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की है। ईडी ने पहली बार मिजोरम में भारत-म्यांमार बॉर्डर पर (चंफाई और आइजोल) ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। असम (करीमगंज जिले का श्रीभूमि) और गुजरात (अहमदाबाद) में भी छापे मारे गए। 35 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। ईडी ने अपने एक्शन में असम, मिजोरम, नगालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में फैले हवाला ऑपरेटरों के खातों में 52.8 करोड़ रुपए के डिपॉजिट मिले, जो ड्रग कॉरिडोर से जुड़े थे। इस सिंडिकेट का सबसे महत्वपूर्ण कैश कलेक्शन और हवाला केंद्र पाया गया, जहाँ नकदी जमा करने और नकली इनवॉयस के ज़रिए काले धन को सफेद (वैध लेनदेन जैसा) बनाया जाता था। मेथाम्फेटामाइन बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल (प्रीकर्सर रसायन) गुजरात से वैध व्यापार के कागजात पर मिजोरम भेजा जाता था। असली खरीदार मिजोरम की वे फर्में थीं, जिनका नाम पहले भी ड्रग तस्करी में आया था। गुजरात से आए प्रीकर्सर रसायन यहाँ लाए जाते थे। प्रीकर्सर रसायन छोटे पार्सलों/वाहनों के माध्यम से म्यांमार के चिन राज्य तक तस्करी किए जाते थे। म्यांमार की अवैध लैब्स में इन रसायनों से सिंथेटिक ड्रग्स (जैसे मेथाम्फेटामाइन) तैयार की जाती थीं। तैयार ड्रग्स चंफाई रूट से वापस भारत में लाकर देशभर में सप्लाई की जाती थीं। यह कार्रवाई मिजोरम पुलिस की एक एफआईआर से शुरू हुई, जिसमें 4.724 किग्रा हेरोइन (कीमत 1.41 करोड़) जब्त की गई थी और 6 लोग गिरफ्तार हुए थे। गिरफ्तार आरोपियों के वित्तीय लेनदेन की जांच से मिजोरम की कंपनियों और गुजरात की कंपनियों के बीच संबंध पाए गए। गुजरात की कंपनियों ने मिजोरम की कंपनियों को स्यूडोएफेड्रिन टैबलेट और कैफीन एनहाइड्रस (प्री-प्रीकर्सर) सप्लाई किए थे। जांच में कोलकाता स्थित फर्जी (शेल) कंपनियों के साथ भी वित्तीय लेनदेन सामने आए, जिनका इस्तेमाल कच्चे माल के पेपरवर्क को साफ करने में किया गया। यह ऑपरेशन भारत-म्यांमार सीमा पर सक्रिय अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के जटिल नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आशीष दुबे / 28 नवबंर 2025