:: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई; मतदाताओं से नियमों का पालन करने की अपील :: इन्दौर (ईएमएस)। लोकतांत्रिक व्यवस्था को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) फार्म में गलत जानकारी देने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान दोहराया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 31 और 32 के तहत यदि कोई व्यक्ति एसआईआर फार्म में जानबूझकर गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रावधान के अनुसार, दोषी पाए जाने पर दो साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। :: पारदर्शिता के लिए सत्यता अनिवार्य :: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मतदाता द्वारा दी जाने वाली सभी सूचनाओं की सत्यता अनिवार्य है। आयोग ने गलत जानकारी देने को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की मिथ्या सूचना देने से बचें। प्रकाश/28 नवम्बर 2025