मुम्बई (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर आजकल मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम की टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद से ही आलोचक उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) पर भी दबाव है। बोर्ड ने हालांकि अभी अन्हें बरकरार रखने की बात कही है पर माना जा रहा है कि बोर्ड भी गंभीर के रवैये से संतुष्ट नहीं है। हार के बाद उनके दिये बयान से भी बोर्ड की नाराजगी बढ़ी है। ऐसे में उनके लिए नये साल में की शुरुआत में होने वाला टी20 विश्वकप बेहद अहम रहेगा। अगर भारतीय टीम का प्रदर्शन इसमें अच्छा नहीं रहा तो उनकी छुट्टी तय मानी जा रही है। बीसीसीआई \ने भले ही अभी उपपर कार्रवाई नहीं की है पर उन्हें पूरी राहत भी नहीं मिली है। बोर्ड कोलकाता की पिच को लकर गंभीर के बयान से खुश नहीं है पर बीच में ही बोर्ड उन्हें हटाकर अव्यवस्था फैलाना नहीं चाहता है। इसके अलावा उभी बोर्ड के पास विकल्प भी नहीं हैं। गंभीर ने ईडन गार्डन की जिस पिच का सार्वजनिक तौर पर बचाव किया था। उस पिच का जहां पर टेस्ट मैच ढाई दिन में ही खत्म हो गया था। इतिहास में पहली बार भारत में कोई ऐसा टेस्ट मैच हुआ जिसकी सभी 4 पारियों में कोई भी टीम 200 रन का आंकड़ा भी हासिल नहीं कर पाई। ईडन गार्डन की पिच की तमाम जानकारों और पूर्व क्रिकेटरों ने कड़ी आलोचना की थी पर गंभीर ने उसका खुलकर बचाव किया था। वहीं बीसीसीआई के अधिकारी ने बताया, सीमित ओवरों की सीरीज समाप्त होने के बाद इन मामलों पर गहराई से चर्चा होगी। अधिकारी ने संकेत दिया कि गंभीर का भविष्य अब 2026 के टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। अगले साल की शुरुआत में भारत टी20 विश्व कप की सह मेजबानी करने जा रहा है। अगर उसमें भी टीम का प्रदर्शन खराब हुआ तब गंभीर के लिए आगे की राह बहुत ही मुश्किल होगी। वह टीम को कैसे चला रहे हैं, इस पर बोर्ड की नजरें है। इसी कारण अब उन पर दबाव साफ तौर पर बढ़ता जा रहा है। गिरजा/ईएमएस 29 नवंबर 2025