इस्लामाबाद (ईएमएस)। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देना बंद किया है। यह जानकारी पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अधिकारी सलमान चौधरी ने दी है। हालांकि जिन लोगों के पास ब्लू और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट है, उन्हें अभी वीजा जारी हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार और सिंगल-एंट्री वीजा के 70-80 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। हालांकि जिन लोगों के परिवार यूएई में रहते हैं, उन्हें वीजा मिलने की संभावना ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर के रहने वाले 28 साल के नदीम पहली बार घूमने के लिए दुबई जाना चाहते थे, लेकिन उनका वीजा दो बार रिजेक्ट हो गया। यूएई और पाकिस्तान के बीच मजबूत राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं, फिर भी वीजा रिजेक्शन का मुद्दा महीनों से चल रहा है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक यूएई ने आधिकारिक तौर पर कोई बैन नहीं किया है। लेकिन पिछले कुछ समय से यूएई में अपराध और भीख मांगने की घटनाओं में पाकिस्तानी लोगों का नाम सामने आया है। इसकारण नए लोगों को वीजा मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। यूएई अधिकारियों को कई आवेदकों के दस्तावेज संदिग्ध मिले। दरअसल पाकिस्तानी पासपोर्ट दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट में शामिल है। अब कई देशों की सख्त वीजा नीतियों और एंट्री बैन ने पाकिस्तानी यात्रियों की दिक्कतें बढ़ाई हैं। हाल ही में कई देशों ने पाक नागरिकों पर पूरी तरह रोक लगा दी है या बेहद कठोर प्रतिबंध लागू किए हैं। 2025 में भारत ने पाक नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाएं बंद कर दी हैं। पुराने वीजा रद्द कर नए टूरिस्ट, बिजनेस या मेडिकल वीजा जारी नहीं किए जा रहे। इसका मतलब है कि पाकिस्तानियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लग चुकी है। वहीं इजराइल पाकिस्तानी पासपोर्ट पर प्रवेश नहीं देता। सिर्फ खास मामलों में सरकारी अनुमति से ही किसी पाक नागरिक को इजराइल जाने की इजाजत मिल सकती है। दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते न होने और सुरक्षा कारणों की वजह से यह पुरानी पाबंदी है। लीबिया में लंबे समय से अस्थिरता और संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। इसकारण पाक नागरिकों को यहां एंट्री लगभग नामुमकिन है। वीजा आवेदन ज्यादातर खारिज कर दिए जाते हैं। इसलिए यह एक पूर्ण प्रतिबंध जैसा है। सूडान भी पाकिस्तानी यात्रियों के लिए सख्त नीति अपनाए हुए है। ज्यादातर वीजा आवेदन या तो नामंजूर हो जाते हैं या प्रोसेस ही नहीं किए जाते। राजनीतिक हालात और दस्तावेजों से जुड़े संदेह इसकी प्रमुख वजहें बताई जाती हैं। आशीष/ईएमएस 01 दिसंबर 2025