सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इंकार किया नई दिल्ली (ईएमएस)। वक्फ की संपत्तियों की डीटेल उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे संबंधित ट्राइब्यूनल में जाकर अपनी बात रख सकते है। बता दें कि समय सीमा बढ़ाने वाली याचिकाओं में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोल्ड (एआईएमपीएलबी) और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की याचिका शामिल थी। वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 5 दिसंबर तक का समय मिला है। अगर ऐसा नहीं किया जाता हैं, तब संबंधित व्यक्ति या संस्था को सजा भी हो सकती है। इसके पहले 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को पूरी तरह से स्थगित करने से इंकार किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी थी। नियमों के मुताबिक वक्फ संपत्ति ना अपलोड करने वालों को छह माह की सजा और 20 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जो लोग संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज नहीं करवाएंगे उनकी संपत्ति का दर्जा खत्म किया जाएगा और बाद में केवल वक्फ ट्राइब्यूनल के आदेश पर ही फिर से पंजीकरण हो सकेगा। आशीष दुबे / 01 दिसंबर 2025