नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2025 में देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1,70,276 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष नवंबर की तुलना में 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, यह आंकड़ा अक्टूबर 2025 में दर्ज हुए रिकॉर्ड 1.96 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम है। वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से नवंबर तक कुल जीएसटी संग्रह 14,75,488 करोड़ रुपये हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, नवंबर का कमजोर प्रदर्शन त्योहारी सीजन के बाद बाजार गतिविधियों में आई सुस्ती और उत्पादन में गिरावट का परिणाम हो सकता है। राज्यों के जीएसटी संग्रह के प्रदर्शन में मिला-जुला रुख रहा। नवंबर 2025 के जीएसटी आंकड़ों ने राज्यों के प्रदर्शन में असमानता को स्पष्ट किया है। जिन राज्यों में वृद्धि दर्ज हुई उनमें कर्नाटक में 5%, केरल में 7%, महाराष्ट्र में 3% और पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और असम में सकारात्मक वृद्धि रही। इन राज्यों में सेवा क्षेत्र, होटल-पर्यटन और ई-कॉमर्स जैसी गतिविधियों में तेजी देखी गई है, जिससे राजस्व पर सकारात्मक असर पड़ा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में 8%, गुजरात में 7%, उत्तर प्रदेश में 7%, तमिलनाडु में 4% और पश्चिम बंगाल में 3% में सबसे ज्यादा गिरावट रही, जो विनिर्माण और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में मांग में कमी का संकेत देती है। जीएसटी बदलावों का असर जारी सरकार ने सितंबर 2022 में कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती और टैक्स स्लैब में संशोधन किए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों का दीर्घकालिक असर अभी भी जीएसटी संग्रह पर दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार राजस्व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ई-वे बिल मॉनिटरिंग, कर चोरी पर सख्ती और डिजिटल टैक्स ट्रैकिंग को और मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। फिलहाल यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिसंबर और आगामी महीनों में बाज़ार मांग बढ़ने पर जीएसटी संग्रह दोबारा सुधार की ओर बढ़ता है या नहीं।