साओ पाउलो (ईएमएस)। पूरी दुनिया जहां मच्छरों से छुटकारा पाने की कोशिशों में लगी है, वहीं एक देश ऐसा भी है, जिसने मच्छरों को पालने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री बना डाली है। ब्राजील ने डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए एक अनोखा और वैज्ञानिक रास्ता चुना है। साओ पाउलो राज्य के कैम्पिनास शहर में बनाई गई इस फैक्ट्री में हर सप्ताह 19 करोड़ एडीज एजिप्टी मच्छर तैयार किए जा रहे हैं, जो डेंगू फैलाने वाला मुख्य प्रजाति का मच्छर है। करीब 1,300 वर्ग मीटर में फैली यह फैक्ट्री ‘वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम’ के तहत संचालित है। इसे बनाने का निर्णय उस समय लिया गया, जब 2024 में ब्राजील को अपने इतिहास के सबसे बड़े डेंगू प्रकोप का सामना करना पड़ा। इस साल ब्राजील में दुनिया के कुल डेंगू मामलों का 80प्रतिशत से अधिक दर्ज हुआ, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए। यही कारण है कि देश ने इस गंभीर संकट से निपटने के लिए मच्छरों की इस विशाल परियोजना की शुरुआत की। फैक्ट्री में तैयार किए जा रहे इन मच्छरों का मकसद बीमारी फैलाना नहीं, बल्कि उसे रोकना है। इसके लिए वैज्ञानिक ‘वोल्बाचिया विधि’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तकनीक के तहत मच्छरों को विकास के दौरान एक प्राकृतिक बैक्टीरिया ‘वोल्बाचिया’ से संक्रमित किया जाता है। यह बैक्टीरिया मच्छरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन उनके शरीर में डेंगू वायरस को विकसित होने नहीं देता। ऐसे में ये मच्छर किसी इंसान को काटें, तब भी बीमारी नहीं फैलती। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाता है, जहां ये स्थानीय मच्छरों के साथ प्रजनन करते हैं। प्रजनन के दौरान यह सुरक्षात्मक बैक्टीरिया उनकी संतानों में भी पहुंच जाता है। धीरे-धीरे पूरा मच्छर समुदाय वोल्बाचिया से संक्रमित हो जाता है और डेंगू फैलाने में असमर्थ हो जाता है। यह तरीका इंडोनेशिया और कोलंबिया जैसे देशों में पहले भी सफल हो चुका है, जहां डेंगू संक्रमण में 70 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। सुदामा/ईएमएस 03 दिसंबर 2025