राष्ट्रीय
03-Dec-2025
...


रांची,(ईएमएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन द्वारा जेएमएम को एक भी सीट न दिए जाने के बाद से झारखंड की सियासत में अजीबोगरीब अफवाहों का बाजार गर्म है। इन अफवाहों को उस वक्त और बल मिला जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ 28 नवंबर की देर शाम दिल्ली पहुंचे। सोशल मीडिया पर यह दावा तेजी से वायरल होने लगा कि दोनों ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से गुप्त मुलाकात की है और बहुत जल्द झारखंड का राजनीतिक परिदृश्य बदलने वाला है। कहा जाने लगा कि इंडिया गठबंधन में नाराज चल रहे हेमंत सोरेन एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इन अफवाहों पर तुरंत पूर्ण विराम लगा दिया। पार्टी महासचिव व प्रवक्ता विनोद पांडेय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा पूरी तरह निजी था। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, भाजपा का काम ही अफवाह और साजिश फैलाना है। लेकिन झामुमो के तीन शब्द हैं– झारखंड झुकेगा नहीं। इन तीन शब्दों से न सिर्फ सारी अफवाहें खत्म हो गईं, बल्कि भाजपा को भी करारा जवाब मिल गया। पांडेय ने कहा कि जनता सब देख रही है और भाजपा को जनादेश का अपमान बंद कर सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए। झामुमो यूथ विंग ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, हेमंत सोरेन नाम ही काफी है। संघर्ष से सीखा है, सेवा से जीता है और न्याय के लिए लड़ना आता है। पार्टी ने साफ कर दिया कि वह अपनी विचारधारा से समझौता करने वाली नहीं है।दूसरी तरफ भाजपा ने भी इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दोनों पार्टियां विचारधारा के धुर विपरीत ध्रुव हैं। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, भाजपा और झामुमो नदी नहीं, समुद्र के दो अलग-अलग किनारे हैं। दोनों का मेल कभी संभव नहीं। भविष्य में साथ आने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने झामुमो सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप भी दोहराया। महागठबंधन के दूसरे बड़े घटक कांग्रेस ने भी इन अफवाहों को भाजपा की घिनौनी साजिश बताया। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, हेमंत सोरेन का भाजपा के साथ जाना तो दूर, उसकी कल्पना भी बेमानी है। झारखंड में भाजपा के पास कोई सक्षम नेतृत्व नहीं बचा है, इसलिए वह अफवाहों के सहारे सियासी ऑक्सीजन लेने की कोशिश कर रही है। ज्ञात हो कि बिहार चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन ने जेएमएम को एक भी सीट नहीं दी थी, जबकि 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने आरजेडी को कई सीटें दी थीं। इसी असंतोष को आधार बनाकर भाजपा ने अफवाहों का खेल शुरू किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार शाम रांची लौट आएंगे और चार दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा जानबूझकर इस तरह की अफवाहें फैलाकर महागठबंधन में फूट के संकेत पैदा करना चाहती है, लेकिन झामुमो के त्वरित और कड़े जवाब ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। झारखंड की जनता भी इन अफवाहों को पूरी तरह नकार चुकी है। वीरेंद्र/ईएमएस/03दिसंबर2025