राष्ट्रीय
03-Dec-2025


* सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर साधली में उमड़ा जनसैलाब, पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि वडोदरा (ईएमएस)| सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जन्मजयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय एकता पदयात्रा के अंतर्गत, वडोदरा ज़िले के साधली में संपन्न हुई सरदार सभा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत आज एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा है, यह सरदार पटेल की दूरदर्शी राजनीति, अदम्य साहस और मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जहाँ कांग्रेस ने सरदार पटेल की अवहेलना की, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जन्मजयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के “एक देश, एक कानून, एक संविधान” के संकल्प को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर साकार किया है। देश की कृतज्ञता को प्रत्यक्ष रूप देने के लिए प्रधानमंत्री ने गुजरात के केवड़िया में विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा—स्टैच्यू ऑफ यूनिटी—का निर्माण कराया, जो सरदार पटेल के योगदान की भव्य पहचान है। सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर देशभर में 150 यूनिटी रन का आयोजन किया गया है, जिसमें लाखों लोग सहभागी बन रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी सरदार पटेल द्वारा दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ सके। मुख्यमंत्री धामी ने देवभूमि उत्तराखंड की ओर से देश के ‘लौह पुरुष’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मूर्त रूप देने वाले भारत रत्न सरदार पटेल को हृदयपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक 152 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय एकता पदयात्रा में भाग लेना उनके लिए गर्व का विषय है। सरदार पटेल आधुनिक भारत के शिल्पी थे, जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और समर्पण से अखंड भारत का स्वप्न साकार किया। स्वतंत्रता से पूर्व खेड़ा और बारडोली के किसान आंदोलनों में अन्याय के विरुद्ध उनके संघर्ष ने उन्हें जननायक बना दिया। बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद ही देश ने उन्हें आदरपूर्वक ‘सरदार’ की उपाधि दी। देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने 562 से अधिक रियासतों का जिस प्रकार भारत में विलय कराया, वह वास्तव में अद्वितीय पराक्रम था। उनका दृष्टिकोण और एकीकृत भारत के निर्माण में उनका योगदान सदैव अमर रहेगा। इतिहास में उनके योगदान को पीछे धकेलने के प्रयास भी हुए, यहाँ तक कि कुछ नेताओं को उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया गया। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार ने इसी वर्ष जनवरी से राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की है। इसके साथ ही उन्होंने इस यात्रा के माध्यम से नशामुक्ति, योग, स्वास्थ्य, हस्तकला, स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन तथा सरदार उपवन के विकास से जुड़े पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने उपस्थित जनसमुदाय से राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, तथा सरदार पटेल के आदर्शों पर चलने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सिद्धांतों को जीवन में अपनाकर सभी लोग विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के संकल्प को पूर्ण करने में योगदान देंगे। सतीश/03 दिसंबर