राज्य
03-Dec-2025
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:: श्रीराम शौर्य कथा में ओजस्वी आशीर्वचन : रामकथा के साथ भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान की कथाएँ भी आवश्यक :: इंदौर (ईएमएस)। अयोध्या से आए विश्व विख्यात मानस मर्मज्ञ आचार्य शांतनु महाराज ने दशहरा मैदान स्थित रामायण वाटिका पर चल रही श्रीराम शौर्य कथा के दूसरे दिन, धर्म और राष्ट्रीयता के विषय पर ओजस्वी विचार व्यक्त किए। उन्होंने देश के क्रांतिकारियों के बलिदानों को भुला देने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, केवल धर्म की जय बोल देने से ही अधर्म का नाश नहीं होगा। अधर्म और आतंक का नाश करने के लिए हमें शौर्य और शक्ति को जगाना होगा। आचार्यश्री ने कहा कि, देश के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली कथाओं में कथावाचक धर्म की जय का उद्घोष तो कराते हैं, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे हमारे रणबाँकुरों के शौर्य का जयघोष और उनके बलिदान की कथाएँ क्यों नहीं सुनाई जातीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राम कथा के साथ देश के क्रांतिकारियों की कथा भी सुनाना होगी, तभी सही मायने में हम सनातन धर्म की रक्षा और आतंक एवं अधर्म का नाश करने लायक बन सकेंगे। छवि सोशल वेलफेयर सोसायटी एवं अग्रवाल समाज इंदौर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कथा में, आचार्य शांतनु महाराज ने शिव-पार्वती प्रसंग का संदर्भ देते हुए कहा कि शिव और पार्वती सर्वश्रेष्ठ गृहस्थ हैं, जो एकांत में भी राम के ब्रह्मतत्व की चर्चा करते हैं। उन्होंने समाधि की सरल व्याख्या करते हुए कहा कि, संसार में रहकर हम अपने घर और दुकान का काम करते हुए भी हृदय में भगवान की लीलाओं का दर्शन करते रहें तो यह भी समाधि है। :: रुद्राक्ष शिवलिंग का जलाभिषेक :: कथा स्थल पर भक्तों के आकर्षण का केंद्र गुजरात के कलाकारों द्वारा 1.51 लाख रुद्राक्ष से निर्मित 13 फीट ऊँचा शिवलिंग बना हुआ है। जलाभिषेक के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं और देर शाम तक 2 हजार से अधिक भक्तों ने शिवजी के जलाभिषेक का पुण्यलाभ उठाया। :: स्वदेशी थीम पर व्यवस्थाएँ :: कथा के प्रारंभ में, साध्वी विष्णुप्रिया के साथ गोपाल गोयल, किशोर गोयल, संजय बांकडा सहित शहर के गणमान्य नागरिकों ने व्यास पीठ का पूजन किया। संपूर्ण कथा स्थल पर वनदेवी आयोजना की ओर से जूट के कपड़े, केले के पत्तों और गेरुए रंग से स्वदेशी थीम पर आकर्षक सजावट की गई है। सम्पूर्ण परिसर को पॉलिथीन मुक्त रखा गया है और कथा समापन पर भक्तों को प्रसाद के साथ एक-एक रुद्राक्ष भी वितरित किया जा रहा है। कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होगी तथा शिवलिंग का जलाभिषेक प्रतिदिन सुबह 7.30 बजे से शाम 6 बजे तक 8 दिसम्बर तक जारी रहेगा। प्रकाश/03 दिसम्बर 2025