राज्य
03-Dec-2025


देहरादून (ईएमएस)। विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक समाजसेवी डॉ. पवन शर्मा द साइकेडेलिक ने मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत और उसके अच्छे और बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी दी। डॉ. शर्मा ने बताया कि हृदय रोगों, डाइबिटीज और कैंसर के बाद अब भारत में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां गम्भीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार करीब 25 लाख भारतीय स्ट्रोक से पीड़ित हैं। हर चार मिनट में एक भारतीय की मौत स्ट्रोक से हो रही है। भारत में हर तीसरा परिवार किसी न किसी मानसिक रोग का शिकार है। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में यह समस्या मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण बन सकती है। उनका कहना है कि लाखों मरीज शुरुआती लक्षणों को डाइबिटीज, तनाव या सामान्य सिरदर्द समझकर इलाज में देरी कर देते हैं और स्थायी विकलांगता या मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ केवल स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और अर्थिक आपदा का रूप ले रही है। शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/03 दिसंबर 2025