नई दिल्ली,(ईएमएस)! नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को शुभकामनाएं दीं और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नौसेना की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना न सिर्फ असाधारण साहस का परिचय दे रही, बल्कि आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण के मार्ग पर भी तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को नौसेना दिवस की बधाई। हमारी नौसेना असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का दूसरा नाम है। वे हमारे तटों की रक्षा करते हैं और हमारे समुद्री हितों को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में नौसेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को मजबूत करते हुए स्वदेशीकरण और आधुनिक युद्धक क्षमता पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे देश की समुद्री सुरक्षा ढांचा और अधिक मजबूत हुआ है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने दीपावली के दौरान स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ बिताए पलों को भी याद किया और कहा कि वह अनुभव हमेशा विशेष रहेगा। उन्होंने भारतीय नौसेना के आने वाले मिशनों के लिए शुभकामनाएं दीं। अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा, समुद्री सीमाओं की रक्षा, वैश्विक व्यापार मार्गों की सुरक्षा और देश की आर्थिक जीवनरेखा को मजबूत बनाए रखने में भारतीय नौसेना का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति का उद्देश्य सदैव मानवता की भलाई और वैश्विक स्थिरता को बढ़ावा देना रहा है। तिरुवनंतपुरम तट पर नौसेना की ताकत का प्रदर्शन नौसेना दिवस से एक दिन पहले, भारतीय नौसेना ने केरल के तिरुवनंतपुरम तट पर अपनी आधुनिक और बढ़ती क्षमताओं का भव्य प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशनल शोकेस में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, फ्रंटलाइन फ्रिगेट उदयगिरि, एक सबमरीन, चार फास्ट इंटरवेंशन वेसल और कुल 32 एयरक्राफ्ट (जिनमें फाइटर जेट, सर्विलांस एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर शामिल थे) ने हिस्सा लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर भी हैं, ने शंगुमुघम बीच से इस प्रदर्शन को देखा। यह शोकेस भारतीय नौसेना की मल्टी-डोमेन युद्ध क्षमता, बढ़ती ऑपरेशनल पहुंच और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी को दर्शाता है। क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस हर वर्ष 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान किए गए ऑपरेशन ट्राइडेंट की याद दिलाता है, जब भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तान के तीन प्रमुख जहाजों—जिनमें पीएनएस खैबर भी शामिल था, को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन ने युद्ध में निर्णायक बढ़त दिलाई थी। भारतीय नौसेना आज देश की समुद्री सीमाओं, वैश्विक व्यापार मार्गों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही है। नौसेना दिवस पर देश उनके साहस, समर्पण और अदम्य जज़्बे को सलाम कर रहा है। हिदायत/ईएमएस 04दिसंबर25