-रुसी राष्ट्रपति के दौरे से एक दिन पहले ही सामग्री और लॉजिस्टिक डील कंफर्म मॉस्को,(ईएमएस)। रूसी राष्ट्रपति पुतिन सालों बाद भारत आ रहे हैं। वह आज गुरुवार को नई दिल्ली में लैंड करेंगे और 5 दिसंबर को कई बड़े ऐलान कर सकते हैं। पुतिन भारत से रिश्ते और मजबूत करने कई प्लान साथ ला रहे हैं, जिसकी हिंट पुतिन के डेलीगेशन में मिली है, जो भारत दौर पर उनके साथ आ रही है। पुतिन के पीछे एक-दो नहीं बल्कि पूरे 7 लोग मौजूद रहेंगे। एक तरह से पूरी रूसी सरकार ही भारत आ रही है। पुतिन के साथ आने वाले वीआईपी की सूची ने भारत-रूस की डील्स का अंदाजा दे दिया है। पुतिन सिर्फ 30 घंटों तक भारत में रहेंगे और पहले दिन यानी गुरुवार शाम के करीब 6 बजे लैंडिंग के बाद सीधा पीएम मोदी के साथ उनकी वन टू वन चर्चा होगी। प्राइवेट डिनर पर होने वाली ये बातचीत अनऔपचारिक होगी लेकिन अगले दिन शुक्रवार 5 दिसंबर भारत-रूस के दोनों नेता मीडिया को संबोधित करेंगे और ऐलान करेंगे कि उनके बीच कौन-कौन सी डील्स फाइनल हुईं है। ये डील्स क्या हो सकती हैं, इसका जवाब पुतिन के साथ भारत आने वाले प्रतिनिधि मंडल में मिल गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन के साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी साथ होगा और इसमें 7 मंत्री शामिल होंगे। डेलीगेशन में रुसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ, वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव, कृषि मंत्री ऑक्साना लूट, आर्थिक विकास मंत्री मक्सिम रेशेत्निकोव और स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को शामिल होंगे यानी भारत और रूस के बीच डिफेंस, ट्रेड, एग्रीकल्चर, आर्थिक और स्वाथ्य सेक्टर से जुड़ी कई बड़ी डील्स होने की संभावना है। बता दें पुतिन के भारत दौरे से एक दिन पहले सामग्री और लॉजिस्टिक डील कंफर्म हो गई है। रूसी संसद ने रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट समझौते को मंजूरी दे दी है। यह एक बड़ा समझौता है, जिससे दोनों देशों के सैन्य बलों, युद्धपोतों और विमानों को एक-दूसरे के बंदरगाहों और एयरस्पेस उपयोग करने की आसान पहुंच मिल जाएगी। यह संयुक्त अभ्यास और मुश्किल वक्त में गेम चेंजर होगा। बता दें 25 साल पहले साल 2000 में भारत और रूस के बीच सामरिक साझेदारी के तहत सालाना सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। ये पुतिन के वक्त में ही शुरू हुआ था और इसकी सिल्वर जुबली वार्षिक सम्मेलन के वक्त भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन ही हैं। सिराज/ईएमएस 04दिसंबर25