राष्ट्रीय
04-Dec-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। भाजपा सांसदों ने लोकसभा में समाजवादी पार्टी सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की जिहाद वाली टिप्पणी की आलोचना कर सपा सांसद से माफी मांगने की मांग की है। शीतकालीन संसद सत्र के दौरान सपा सांसद नदवी की टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ गया कि देश में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के कारण उन्हें जिहाद करना पड़ सकता है। सपा सांसद नदवी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध करते हुए अपने भाषण में की गई अपनी टिप्पणी का बचाव किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बयान का कड़ा विरोध कर मुसलमानों पर अत्याचार के किसी भी दावे को सिरे से खारिज कर दिया। नदवी के बयान का विरोध कर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि अगर कोई सांसद जिहाद की बात कर रहा है, तब उस सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी सांसद पाल ने कहा कि अगर कोई सांसद जिहाद की बात कर रहा है, तब सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। देश कानून और संविधान से चलता है। क्या उन्हें भारतीय संविधान में विश्वास है या नहीं? वे वक्फ को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य थे। दोनों सदनों में 14 घंटे की चर्चा के बाद यह कानून पारित हुआ था, अब वे उसी कानून का अपमान कर रहे हैं। यह लोगों को भड़काने और उनमें उन्माद पैदा करने की कोशिश है। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए और माफ़ी मांगनी चाहिए। वहीं भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने मुसलमानों पर अत्याचार के दावे को खारिज कर दावा किया कि सांप्रदायिक पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने और अशांति फैलाने वालों को करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह 2025 का भारत है, प्रधानमंत्री मोदी का भारत। यहाँ सभी वर्ग सुरक्षित हैं। हमारी सरकार संविधान के अनुसार काम कर रही है। जो लोग ऐसी बातें कहकर सांप्रदायिक पूर्वाग्रह को बढ़ावा देना और अशांति फैलाना चाहते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह देश संविधान के अनुसार चलता है और आगे भी चलता रहेगा। ऐसी ताकतों को करारा जवाब दिया जाएगा। इस बीच, सपा सांसद नदवी ने अपनी टिप्पणी का बचाव कर कहा कि जहाँ मुसलमानों का मज़ाक उड़ाया जा रहा है, वहीं ऐसी नफरत का बहिष्कार करना भी जिहाद है। देश के मुसलमानों का मज़ाक उड़ा रहा है। यह देश के संविधान, देश की नैतिकता और देशभक्ति के विरुद्ध है। यह वह समुदाय है जिसने सैकड़ों वर्षों तक देश के लिए बलिदान दिया है... जब मीडिया किसी समुदाय का मनोबल गिराने की कोशिश करता है, तो उसका बहिष्कार करना भी जिहाद है। इसलिए, मैं आपका बहिष्कार कर रहा हूँ। आशीष दुबे / 04 दिसंबर 2025