लेख
05-Dec-2025
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अब धीरे धीरे फ्लाइट आम लोगों के बस से बाहर होते जा रहा है ट्रेन में देरी या रद्द तो पहले से चलता आ रहा था अब बंदे भारत के आने से स्तिथि कुछ सुधरी है लेकिन अब फ्लाइट में रद्द होने से अफरा तफरी का माहौल हो रहा है आज यानी 5दिसम्बर को मेरे भाई पटना जाने वाले थे और पटना से 6 दिसंबर को माँ बाबू जी मुंबई आने वाले थे सारी तैयारी पुरी हो चुकी थी कि अचनाक 4 दिसंबर को ही मैसेज आया की फ्लाइट कैंसिल हो गया है अतः अब जब कैंसिल हो गया तो उसकी क्या व्यवस्था की आप इमरजेंसी में जा रहें हैँ तो फिर दूसरे फ्लाइट में किराया 4 गुना क्यों है क्योंकि आप आम आदमी हैं आपके लिए फ्लाइट नहीं है जो पैसा पानी की तरह देगा वो जा सकता है ऐसे राजनेता पर लागू नहीं है क्योंकि वो वीआईपी हैं इसलिए अब सरकार को ऐ सोचना चाहिए की नियम को लागू करना सही है लेकिन उससे कितने को तकलीफ होगा जब से अहमदाबाद से लन्दन जा रही एयर इंडिया की ड्रीम लाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसमें एक को छोड़कर सभी यात्रियों की मौत हो गई थी टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने हाल ही में यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला। उसने एक ऐसे विमान का संचालन किया जिसकी एयरवर्थिनेस (हवा में उड़ने की योग्यता) का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था। 24-25 नवंबर को एक 164-सीटर एयरबस A320 विमान आठ बार उड़ा। इसका एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेट वैध नहीं था। यह तब सामने आया जब एक इंजीनियर ने इस गड़बड़ी का पता लगाया। विमान को सेवा से हटा दिया गया। इस गंभीर चूक के कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA ) ने जांच शुरू कर दी है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एयर इंडिया जून में हुए एक ड्रीमलाइनर क्रैश के बाद अपनी सुरक्षा छवि को सुधारने की कोशिश कर रही है।कई अधिकारियों का निलंबन भी शामिल हो सकता है। एयर इंडिया ने उन सभी लोगों को निलंबित कर दिया है जो इस विमान को बिना वैध लाइसेंस के उड़ाने के फैसले में शामिल थे। फिलहाल, A320 विमान डीजीसीए की जांच लंबित रहने तक ग्राउंडेड है। एक्सपायर लाइसेंस के साथ विमान उड़ाने से बीमा कवरेज अमान्य हो सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, यह सुनिश्चित किए बिना कि विमान हवा में उड़ने के लिए प्रमाणित है, विमान का संचालन करके, एयरलाइन ने उड़ान सुरक्षा और सभी यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला है। यह एक गंभीर उल्लंघन है और एयर इंडिया जैसी मुख्यधारा की एयरलाइन से इसकी उम्मीद नहीं की जाती है। हालांकि, डीजीसीए समय-समय पर निरीक्षण करता है, लेकिन विमान को एयरवर्थी स्थिति में बनाए रखने की जिम्मेदारी ऑपरेटर की होती है। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, जैसे ही यह हमारे ध्यान में आया, हमने तुरंत डीजीसीए को सूचित कर दिया। हमने एक व्यापक आंतरिक जांच शुरू की है। आमतौर पर क्‍या होती है प्रक्र‍िया? वरिष्ठ विमान इंजीनियरों का कहना है कि आधुनिक सॉफ्टवेयर के साथ लाइसेंस रिन्‍यू या रखरखाव जैसे निर्धारित कामों को चूकना बहुत मुश्किल है। एयर इंडिया के पास एक इन-हाउस कंटीन्यूइंग एयरवर्थिनेस मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन (CAMO) है, जो इस काम के लिए जिम्मेदार है। एक DGCA निरीक्षक ने बताया, आमतौर पर एक एयरलाइन अपने सर्टिफिकेट के नवीनीकरण का काम नियत तारीख से कम से कम तीन महीने पहले शुरू कर देती है ताकि वह समय से पहले रिन्‍यू हो जाए। उन्होंने आगे कहा, दैनिक संचालन के अंत में जब विमान रात भर के लिए पार्क किया जाता है तो एक इंजीनियर जांच करता है कि सभी दस्तावेज और अनुमोदन सही हैं या नहीं। यह तथ्य कि विमान एक्सपायर लाइसेंस के साथ आठ बार उड़ा, एयर इंडिया की सुरक्षा संस्कृति के बारे में बहुत सारे सवाल खड़े करता है। क‍ितना बड़ा उल्‍लंघन? इस घटना को डीजीसीए की ओर से लेवल 1 उल्लंघन के रूप में वर्गीकृत किए जाने की संभावना है, जो उड़ान सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। यह एयर इंडिया के संचालन में हुई गड़बड़ियों की सीरीज में एक नई कड़ी है। इससे पहले, एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों को विमानों के उन पुर्जों को संचालित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे जो अपनी जीवन अवधि पार कर चुके थे। इनमें सीईओ कैम्पबेल विल्सन भी शामिल थे। कुछ महीने पहले, नियामक ने एयरलाइन के इंजीनियरिंग गुणवत्ता विभाग के प्रमुख को निलंबित कर दिया था, जो यह सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट के लिए जिम्मेदार है कि एयरलाइन सभी मानदंडों का पालन कर रही है। यह लगातार हो रही गड़बड़ियां टाटा समूह के लिए एयरलाइन की प्रतिष्ठा को सुधारने में आ रही मुश्किलों को दर्शाती हैं, जो निजीकरण के लगभग चार साल बाद भी जारी है। यात्रियों का विश्वास बनाए रखने के लिए एयरलाइन को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी विमान पूरी तरह से एयरवर्थी हों और सभी नियामक आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन किया जाए अच्छी बात है लेकिन उसके लिए अलटरनेट अरेंजमेंट क्या है क़ोई मरीज है उसे आना जरुरी है लेकिन आना मुश्किल हो रहा है क्योंकि फ्लाइट के रद्द होने से दूसरे एयर लाइन का किराया आसमान छू रहा है अब इंडिगो की 3 दिसंबर की गड़बड़ी की वजह से देश भर में 200 से ज़्यादा फ्लाइट कैंसल हुईं और बड़ी देरी हुई। डी जी सी ए ने जांच शुरू की है क्योंकि एयरलाइन ने क्रू लिमिट और ऑपरेशनल चुनौतियों का हवाला दिया है। इंडिगो ने बुधवार, 3 दिसंबर को इस मामले को कंट्रोल करने के लिए तुरंत कहा, हम मानते हैं कि पिछले दो दिनों से पूरे नेटवर्क में इंडिगो के ऑपरेशन में काफी रुकावट आई है, और हम इसके लिए माफी मांगते हैं, 200 से ज़्यादा कैंसलेशन और देरी की वजह से पैसेंजर की यात्रा में रुकावट आने के बाद। इंडिगो फ्लाइट में रुकावट: 200 से ज़्यादा फ्लाइट कैंसिल होने और देरी होने के बाद, इंडिगो ने बुधवार को माफ़ी मांगते हुए माना कि पिछले दो दिनों से उसके ऑपरेशन में काफ़ी रुकावट आई है। एयरलाइन ने कहा, हम दिल से माफ़ी मांगते हैं। एयरलाइन ने एविएशन वॉचडॉग, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) का भी ध्यान खींचा, जिसने इंडिगो के ‘क्रू व फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) की दिक्कतों’ को पैसेंजर ट्रैवल पर असर डालने वाली रुकावटों की वजह बताया। आइए संक्षेप में बताते हैं। एयरलाइन ने इस अफ़रा-तफ़री की वजह अचानक आई चुनौतियों का एक साथ आना बताया। इसमें कहा गया, “…अनदेखी ऑपरेशनल चुनौतियों, जिनमें छोटी-मोटी टेक्नोलॉजी में गड़बड़ियां, सर्दियों के मौसम से जुड़े शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एविएशन सिस्टम में बढ़ी भीड़ और अपडेटेड क्रू रोस्टरिंग नियमों (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) को लागू करना शामिल है, का हमारे ऑपरेशन पर इतना बुरा असर पड़ा कि इसका अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं था।” इंडिगो ने कहा कि उसने अगले 48 घंटों में शेड्यूल को स्थिर करने और समय पर आने के लिए “कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट” शुरू किए हैं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दूसरे दक्षिणी तटीय राज्यों पर असर डालने वाले साइक्लोन दितवाह जैसे कई कारणों ने भी फ्लाइट एक्टिविटी पर असर डाला। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो की फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर रुकावट की सबसे बड़ी वजह 29-30 नवंबर के वीकेंड में एयरबस A320 का इमरजेंसी सॉफ्टवेयर पैच था, जिसे जल्दबाजी में डाला गया। इससे क्रू शेड्यूलिंग में दिक्कत आई, ठीक उसी समय जब एयरलाइन एफडीआटल नियमों के कारण बहुत कम ढील के साथ काम कर रही थी। इसका असर पूरे देश में हुआ, जिससे मेट्रो एयरपोर्ट और रीजनल हब दोनों पर असर पड़ा। हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तब अफरा-तफरी मच गई, जब इंडिगो ने 19 डिपार्चर और 21 अराइवल कैंसिल कर दिए। इंडिगो ने एक दिन पहले ही नौ फ्लाइट्स कैंसिल कर दी थीं। यह भी पढ़ें | बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और देरी के कारण इंडिगो के यात्री फंसे; एयरलाइन ने माफी मांगी बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 62 डोमेस्टिक फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, जिससे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, गोवा, कोलकाता और लखनऊ की सर्विस पर असर पड़ा। मुंबई में कम से कम 33 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं (17 डिपार्चर और 16 अराइवल)। एयरपोर्ट अधिकारियों ने एक एडवाइज़री जारी कर यात्रियों से यात्रा से पहले फ़्लाइट का स्टेटस चेक करने को कहा। क्रू की भारी कमी के कारण इंडिगो ने 10 फ़्लाइट कैंसिल कर दीं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के एक प्रवक्ता ने पाँच आने वाली और पाँच जाने वाली फ़्लाइट कैंसिल होने की पुष्टि की, और पूरे दिन में 85 फ़्लाइट देरी से चलीं। देरी से आने वाली फ़्लाइट्स में मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना और गोवा की फ़्लाइट्स शामिल थीं। देरी से जाने वाली फ़्लाइट्स में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गया, पटना, हैदराबाद, जयपुर, नागपुर और अहमदाबाद जाने वाली फ़्लाइट्स शामिल थीं। पूरे नेटवर्क पर, घंटों तक देरी हुई, जिससे एयरपोर्ट टर्मिनल पर भीड़ हो गई और सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। क्या इंडिगो पायलट की कमी से जूझ रहा है? रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में एयरपोर्ट के तीन अधिकारियों और इंडिगो के एक पायलट का ज़िक्र किया गया, जिन्होंने दावा किया कि एयरलाइन नए लागू किए गए थकान-प्रबंधन नियमों से जुड़ी पायलट की कमी से जूझ रही है। 1 जुलाई और 1 नवंबर को लागू की गई अपडेटेड फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) के तहत पायलटों को थकान से बचाने के लिए ज़्यादा आराम करना ज़रूरी है लेकिन साथ ही इसने इंडिगो जैसी हाई-फ्रीक्वेंसी एयरलाइन्स के लिए रोस्टरिंग को मुश्किल बना दिया है। इंडिगो रोज़ाना लगभग 2,300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है, जिससे यह क्रू की उपलब्धता की दिक्कतों से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली एयरलाइन बन गई है। अपने बयान में, रेगुलेटर ने कहा: “इंडिगो को डी जी सिए , हेडक्वार्टर को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है, ताकि मौजूदा स्थिति के फैक्ट्स के साथ-साथ चल रही देरी और कैंसलेशन को कम करने के प्लान बताए जा सकें।”नवंबर में दर्ज कैंसलेशन के लेवल पर नज़र रखी गई: अब तक कुल 1,232 कैंसलेशन हुए 755 क्रू और एफडीआटल की दिक्कतों की वजह से 258 एयरपोर्ट/एयरस्पेस की पाबंदियों से जुड़े 92 एटीसी सिस्टम फेलियर की वजह से 127 दूसरे कारणों से हुई उन्होंने आगे कहा कि इनमें से कई कारण “ऑपरेटर के सीधे कंट्रोल से बाहर हैं” लेकिन इंडिगो के ऑन टाइम परफॉर्मेंस में भारी गिरावट देखी गई — नवंबर में 67.7%, जो अक्टूबर में 84.1% था। नॉर्मल हालात वापस लाने के लिए इंडिगो कैसे रिस्पॉन्स कर रही है? एयरलाइन ने कहा कि उसने “अपने ऑपरेशन को नॉर्मल करने और धीरे-धीरे अपनी पंक्चुएलिटी को ठीक करने” के लिए फ्लाइट शेड्यूल में एक कंट्रोल्ड, टेम्पररी एडजस्टमेंट किया है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में इंडिगो की दर्जनों फ्लाइट्स कैंसिल हुईं इसमें आगे कहा गया: “हमारी टीमें कस्टमर्स की परेशानी कम करने और ऑपरेशन्स को जल्द से जल्द स्टेबल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। इसके अलावा, जिन कस्टमर्स पर असर पड़ा है, उन्हें अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए दूसरे ट्रैवल अरेंजमेंट या रिफंड, जैसा भी लागू हो, ऑफर किए जा रहे हैं।” इंडिगो ने यात्रियों से यात्रा से पहले फ़्लाइट का स्टेटस चेक करने को कहा है और सुरक्षा कारणों से विमान को कैंसिल करना पड़ रहा है,4 दिसंबर को भी इंडिगो को देश भर में फ़्लाइट में देरी और कैंसलेशन का सामना करना पड़ । दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के विज़ुअल्स में फ़्लाइट-इन्फ़ॉर्मेशन डिस्प्ले बोर्ड पर चल रही दिक्कतों को दिखाया गया है।लेकिन सवाल ऐ है कि जो यात्रियों को अर्जेंट जाना है वो 8 हजार वाला टिकट को 35 - 40 हजार में दूसरे फ्लाइट में ले या फिर ठंड से एयरपोर्ट पर ठिठुरता रहे कि कब क़ोई दूसरा फ्लाइट जायेगा इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे एक विश्वास टूटता है और विमान के इस रवैया से लोग विमान के बजाये ट्रेन में भरोसा करेंगे लेकिन अचानक ऐसा होने पर ट्रेन में भी सीट कहाँ मिलेगी. आखिर फ्लाइट के रद्द होने पर यात्री खामयाजा क्यों भुगते? ईएमएस/05 दिसंबर2025