अंतर्राष्ट्रीय
05-Dec-2025
...


-अमेरिकी कंपनी 30 दिसंबर से समुद्र की गहराई में दोबारा खोज करेगी शुरु कुआलालंपुर,(ईएमएस)। मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट एमएच370 दुनिया की सबसे रहस्यमय विमान दुर्घटनाओं में से एक बन चुकी है। इस विमान को गायब हुए दस साल से ज्यादा हो गए, लेकिन आज भी दुनिया यह नहीं जानती कि 239 यात्रियों और क्रू का आखिर क्या हुआ। अब एक बार फिर इसे खोजने की उम्मीद लौट आई है। मलेशिया सरकार ने कहा है कि अमेरिकी मरीन रोबोटिक्स कंपनी ओशियन इन्फिनिटी 30 दिसंबर से समुद्र की गहराई में दोबारा खोज शुरू करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एमएच370 एक बोइंग 777 प्लेन था जो 8 मार्च 2014 को सुबह कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए निकला था। उड़ान भरने के 39 मिनट बाद ही विमान एयर ट्रैफिक रडार से गायब हो गया। पायलट का आखिरी संदेश था- ‘गुड नाइट, मलेशियन थ्री सेवन जीरो’। इसके बाद विमान वियतनामी एयरस्पेस में संपर्क नहीं कर पाया। कुछ मिनट बाद उसका ट्रांसपोंडर भी बंद हो गया। मिलिट्री रडार ने दिखा कि विमान ने अपनी दिशा बदल ली और अंदमान सागर के ऊपर मुड़कर दक्षिण की ओर उड़ने लगा। सैटेलाइट डेटा के मुताबिक वह कई घंटों तक हवा में रहा और शायद फ्यूल खत्म होने के बाद दक्षिणी हिंद महासागर में गिरा। सालों तक इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय खोज चलती रही, लेकिन अब तक मुख्य मलबा नहीं मिला। साउथ चाइना सी से खोज शुरू हुई, फिर अंदमान सागर और उसके बाद दक्षिणी हिंद महासागर तक बढ़ गई। ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और चीन की टीमों ने 1,20,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा समुद्री तल को खंगाला। जहाज, विमान, सोनार सिस्टम और रोबोटिक सबमरीन तलाश में लगे रहे। कई बार जो सिग्नल ब्लैक बॉक्स समझे गए, वे बाद में कुछ और ही निकले। 2015 में रेयूनियन आइलैंड पर एक फ्लैपरॉन मिला और बाद में कुछ और छोटे टुकड़े अफ्रीका के तट पर मिले, लेकिन इससे रहस्य सुलझ नहीं पाया। 2018 में ओशियन इन्फिनिटी ने ‘नो फाइंड, नो फी’ मॉडल पर खोज की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार मलेशिया सरकार ने कंपनी को फिर कॉन्ट्रैक्ट दिया है। नई सर्च साइट 15,000 वर्ग किलोमीटर में फैली है। ओशियन इन्फिनिटी को 70 मिलियन डॉलर तभी मिलेंगे जब मलबा मिलेगा। खराब मौसम के कारण अप्रैल में खोज रोकनी पड़ी, लेकिन अब 30 दिसंबर से ऑपरेशन दोबारा शुरू किया जा रहा है और कुल 55 दिनों तक चलेगा। एमएच370 के गायब होने को लेकर कई थ्योरी सामने आईं। हाइजैकिंग से लेकर केबिन डीप्रेशराइजेशन और पावर फेलियर तक। सबसे हैरानी की बात यह रही कि कोई डिस्ट्रेस कॉल नहीं आया। न फिरौती मांगी गई, न मौसम खराब था और न कोई तकनीकी खराबी के ठोस सबूत मिले हैं। 2018 की जांच रिपोर्ट में यात्रियों और क्रू को क्लीन चिट मिली, लेकिन ‘अनलॉफुल इंटरफियरेंस’ यानी किसी की जानबूझकर दखलअंदाजी की संभावना को खारिज नहीं किया गया। अब जब नई तकनीक और नए विश्लेषण के साथ ओशियन इन्फिनिटी फिर मैदान में उतर रही है, तो यह उम्मीद बढ़ गई है कि शायद इस बार दस साल पुराना रहस्य सुलझ सके। हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया है कि क्या उन्हें कोई नया सुराग मिला है, लेकिन उनका कहना है कि वे अब तक की सबसे उन्नत समुद्री तकनीक और विशेषज्ञों की मदद लेकर खोज को सबसे संभावित क्षेत्र में केंद्रित कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 05 दिसंबर 2025