लखनऊ,(ईएमएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सूची सहित कई राज्यों में फैले नशीले कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी करने वाले बड़े सिंडिकेट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। पिछले एक साल में यूपी पुलिस, एसटीएफ और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा दर्ज 24 एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इन 24 मुकदमों में नामजद कुल 67 आरोपियों को ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपी बनाया है। इनमें सिंडिकेट का सरगना शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला नाथ जायसवाल, अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह, विशाल राणा, विभोर राणा, आसिफ, विकास सिंह नर्वे समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। ईडी ने शुभम जायसवाल को 8 दिसंबर को लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पेश होने के लिए समन भेजा है। जल्द ही भोला जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को भी नोटिस जारी किए जाएंगे। कुछ आरोपी अभी जेल में हैं, इसलिए ईडी कोर्ट से अनुमति लेकर उनसे जेल के अंदर ही पूछताछ करेगी। सभी आरोपियों के ड्रग लाइसेंस, आईटीआ, जीएसटी रिटर्न, बैंक खाते, कंपनियों के दस्तावेज, अघोषित संपत्तियां, लग्जरी वाहन, विदेश यात्राएं, कोडीन की खरीद-बिक्री, स्टॉक में हेराफेरी, बिना लाइसेंस बॉटलिंग, अनरजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट कंपनियों के जरिए अंतरराज्यीय तस्करी, नकद लेन-देन, हवाला नेटवर्क और विदेशी खातों में पैसा ट्रांसफर, ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस मालिक, डिस्ट्रीब्यूटर और इंटर-स्टेट लॉजिस्टिक्स नेटवर्क। सूत्रों के मुताबिक ईडी को पता चला है कि शुभम जायसवाल फिलहाल दुबई में रह रहा है और वहां उसकी करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जिसमें एक होटल भी शामिल है। जांच का दायरा अब उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक फैलने वाला है। ईडी का मानना है कि यह सिंडिकेट पिछले कई सालों से कोडीन युक्त सिरप को अवैध रूप से दूसरे राज्यों व विदेश तक पहुंचा रहा था और इससे अर्जित काली कमाई को संपत्तियों व हवाला के जरिए सफेद किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में पुलिस-एसटीएफ की रिपोर्ट और जब्त दस्तावेज ही आधार बनाए गए हैं। आने वाले दिनों में तलाशी और कुर्की की कार्रवाई हो सकती है। नशीले कफ सिरप की इस तस्करी को उत्तर भारत का अब तक का सबसे बड़ा कोडीन सिंडिकेट माना जा रहा है। सिराज/ईएमएस 05दिसंबर25