राष्ट्रीय
05-Dec-2025
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* वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ गुजरात योग बोर्ड का मेदस्विता-मुक्त गुजरात अभियान नई ऊँचाइयों पर अहमदाबाद (ईएमएस)| तंदुरुस्त स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए धर्म या जाति कभी अवरोध नहीं बनते। संपूर्ण सृष्टि एक परिवार है—‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की इसी भावना के साथ अहमदाबाद में मुस्लिम महिलाओं ने योग कैंप में भाग लेकर विभिन्न योगासन और प्राणायाम में उत्साहपूर्वक सहभागिता दर्ज कराई। राज्य की साम्प्रदायिक एकता की परंपरा को और मजबूत करते हुए, राज्य योग बोर्ड के इस कार्यक्रम ने ‘स्वस्थ गुजरात – मेदस्विता मुक्त गुजरात’ अभियान को एक नई ऊँचाई प्रदान की है। इस अवसर पर गुजरात राज्य योग बोर्ड के अध्यक्ष योगसेवक शिशपाल ने कहा कि “यह मेरा है या पराया, ऐसी सोच संकुचित मानसिकता वाले लोगों की होती है। उदार चरित्र वाले लोगों के लिए पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है।” इस योगाभ्यास वर्ग में मुस्लिम महिलाओं की सक्रिय उपस्थिति इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण है कि योग किसी धर्म या धार्मिक मान्यताओं से ऊपर उठकर मानव स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ा एक वैश्विक विषय है। योग मानव समाज—संपूर्ण मानवजाति के लिए है। यह किसी एक धर्म, जाति या समुदाय का अधिकार नहीं, बल्कि आंतरिक शांति, शारीरिक संतुलन और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने की सार्वभौमिक कला है। योगसेवक शिशपाल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात राज्य योग बोर्ड राज्य के हर नागरिक को योग से जोड़कर रोगमुक्त और मेदस्विता-मुक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जनजागृति अभियान चला रहा है। ‘स्वास्थ्य ही सर्वोपरि’ पहल के तहत, अहमदाबाद में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने मेदस्विता-निवारण पर आधारित रिज़ल्ट ओरिएंटेड कैंप का दौरा कर योगाभ्यास में सहभागिता की, जो समाज में एकता और सौहार्द का सशक्त संदेश देता है। योगसेवक शिशपालजी ने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि “योग वह सेतु है जो हमें भीतर से मजबूत बनाता है, हमारी चेतना को उच्च स्तर पर ले जाता है और सबको एकता के सूत्र में पिरोता है।” इस सफल आयोजन के माध्यम से गुजरात राज्य योग बोर्ड ने यह उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। सतीश/05 दिसंबर