राज्य
06-Dec-2025
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:: 5 कि.मी. रेंज, नाइट विजन तकनीक: पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह का नया प्रयोग; अवैध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी :: इंदौर (ईएमएस)। शहर में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए इंदौर पुलिस ने हाई-टेक घेराबंदी शुरू कर दी है। पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर, श्री संतोष सिंह, के निर्देश पर अब पुलिस मुख्यालय भोपाल से प्राप्त एक अत्याधुनिक इंफ्रा रेड ड्रोन का उपयोग गुंडे/बदमाशों की निगरानी के लिए किया जा रहा है। यह नया प्रयोग उन शैडो एरिया पर केंद्रित है, जहाँ अपराधी छिपकर नशा-शराब बेचते हैं, सेवन करते हैं या अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। पुलिस अब इस उन्नत तकनीक की सहायता से रात के घुप्प अंधेरे में भी इन अपराधियों को ढूंढकर पकड़ेगी और कड़ी कार्रवाई करेगी। :: 5 कि.मी. रेडियस में 30 मिनट की नाइट सर्जिकल स्ट्राइक :: थाना एमआईजी से प्रारंभ किए गए इस ऑपरेशन में ड्रोन की अद्वितीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। यह ड्रोन दिन में सामान्य निगरानी रखेगा, लेकिन इसकी मुख्य ताकत इंफ्रा रेड विजन के कारण रात के अंधेरे में भी आपराधिक गतिविधियों को आसानी से स्पष्ट रूप से देखने की क्षमता है। ड्रोन की क्षमता पाँच किलोमीटर के रेडियल क्षेत्र में व्यापक सर्चिंग करने की है और यह एक बार में आधा घंटा (30 मिनट) उड़ान भर सकता है। :: संवेदनशील क्षेत्रों में रियल टाइम एक्शन :: एनसीसी ग्राउंड एमआईजी क्षेत्र से उड़ान भरने के बाद, ड्रोन ने विजयनगर, खजराना, तुकोगंज, परदेशीपुरा और एमआईजी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर अपनी निगरानी की। संवेदनशील और शैडो एरिया जैसे रुस्तम का बगीचा, पंचम की फेल, देवनगर, नन्दानगर, छोटी खजरानी, स्वर्णबाग, सेठी नगर, भूसामंडी तथा खजराना क्षेत्र में विशेष रूप से निगरानी की गई। ड्रोन से जैसे ही कोई संदिग्ध गतिविधि या स्थान चिह्नित हुआ, तत्काल क्षेत्र में मौजूद बीट आरक्षकों को उन स्थानों पर भेजा गया और गतिविधियों की तस्दीक करवाई गई, जिससे अपराधियों को भागने का मौका न मिल सके। यह महत्वपूर्ण ऑपरेशन पुलिस उपायुक्त ज़ोन- 02 कुमार प्रतीक के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ज़ोन-02 अमरेंद्र सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त परदेशीपुरा हिमानी मिश्रा की उपस्थिति एवं निर्देशन में संपन्न हुआ। इस दौरान थाना प्रभारी एमआईजी सी बी सिंह भी स्टाफ के साथ मौजूद रहे। डी.सी.पी. ज़ोन-02 कुमार प्रतीक ने कहा, यह ड्रोन हमारे गश्त तंत्र की तीसरी आँख का काम करेगा, जिससे अपराधियों को छिपने की जगह नहीं मिलेगी और अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ेगा। इंदौर पुलिस का यह हाई-टेक कदम शहर में गुंडागर्दी और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी और स्थायी नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा संकेत है। प्रकाश/06 दिसम्बर 2025