गरियाबंद(ईएमएस)। छत्तीसगढ़–ओडिशा सीमा पर धान की अवैध तस्करी के खिलाफ चल रही कार्रवाई ने तस्करों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सीमावर्ती इलाकों में एक राज्य से दूसरे राज्य में धान खपाने की कोशिश कर रहे नेटवर्क पर पुलिस और राजस्व अमले ने बड़ी चोट की है। मगररोड़ा जांच नाका से करीब 500 मीटर दूर, ओडिशा के चंदाहांडी थाना क्षेत्र के जामलीपारा में एक ट्रक से धान उतारकर अस्थायी रूप से डंप किया गया था। इस धान को पिकअप वाहनों के जरिए देवभोग क्षेत्र में खपाने की तैयारी थी, लेकिन पुख्ता सूचना पर देवभोग पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक ट्रक चालक फरार हो चुका था। मौके पर मौजूद किसी भी स्थानीय व्यक्ति ने धान पर अपना दावा नहीं किया। देवभोग थाना प्रभारी फैजुल शाह हुदा ने बताया कि मामले की सूचना ओडिशा के चंदाहांडी पुलिस और फूड इंस्पेक्टर पृथ्वीराज मेहर को दी गई। इसके बाद संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने 25 और राजस्व अमले ने 6 वाहनों को जब्त किया। इस कार्रवाई से तस्करों की सीमापार डंपिंग यार्ड बनाने की रणनीति भी विफल हो गई। फैजुल शाह हुदा ने कहा कि “अवैध गतिविधियों में सीमाएं बाधा नहीं बनेंगी, कानून अपना काम करना जानता है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सीमावर्ती थानों में बेहतर समन्वय के साथ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। इधर, अमलीपदर क्षेत्र में भी बीती रात लगातार तीन बड़ी कार्रवाई की गईं। थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम के मुताबिक, टीम को सूचना मिली थी कि दो ट्रैक्टर और एक मेटाडोर में ओडिशा की ओर से अवैध धान लाया जा रहा है। वाहन चालकों को शक होते ही वे वापस मुड़ने लगे, लेकिन सतर्क टीम ने उन्हें पकड़ लिया। कार्रवाई में कुल 314 पैकेट धान जब्त किए गए, जिनमें से 110 पैकेट दो ट्रैक्टरों से और शेष मेटाडोर से बरामद हुए। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो पिछले 27 दिनों में देवभोग पुलिस ने 17 वाहनों समेत करीब 670 क्विंटल धान जब्त किया है, जबकि राजस्व विभाग ने 6 वाहनों के साथ 200 क्विंटल धान जब्त किया। वहीं अमलीपदर पुलिस ने 8 वाहनों में करीब 500 क्विंटल धान पकड़ा। कुल मिलाकर अब तक 28 वाहनों से 1370 क्विंटल अवैध धान जब्त किया जा चुका है। अधिकारियों का अनुमान है कि यदि यह धान खप जाता, तो इसके बदले सरकार को करीब 45 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता।देवभोग ब्लॉक के 12 खरीदी केंद्रों में अंतिम खरीदी तिथि तक इस साल करीब 8 हजार क्विंटल धान की खरीदी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 16 हजार क्विंटल से अधिक था। इसी तरह गोहरापदर ब्रांच के अधीन आने वाले सीमावर्ती केंद्रों में भी खरीदी में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)08 दिसम्बर 2025