मुंबई,(ईएमएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में आए दिन उथल पुथल की खबरें सुनाई देती हैं। हालांकि इसमें सच कितना है ये तो सियासतदार ही जाने पर जिस तरह के बयान आते हैं वो ठहरे हुए पानी में कंकर का काम कर ही देते हैं। शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि महायुति के एक सहयोगी दल के 22 विधायक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी हो गए हैं और पाला बदलने को तैयार हैं। उनका परोक्ष तौर पर इशारा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना की ओर था। हालांकि, सीएम ने इस दावे से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा है कि शिंदे सेना सहयोगी दल है। जून 2022 में, शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के विद्रोह के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में, जनवरी 2024 में, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट असली शिवसेना है, जो भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ राज्य में सत्तारूढ़ महायुति का एक घटक है।आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का नाम लिए बिना दावा किया, सत्ता पक्ष की एक पार्टी है और दो गुट हैं। एक गुट के 22 विधायक मुख्यमंत्री के करीबी हो गए हैं। उनके पास अच्छा धन है और वे मुख्यमंत्री के इशारों पर नाचने लगे हैं। उन्होंने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि 22 विधायक पाला बदलने को तैयार हैं।वर्ली से विधायक ठाकरे ने कहा कि इन 22 विधायकों में से एक खुद को उप-कप्तान कहता है। उनका परोक्ष तौर पर इशारा उद्योग मंत्री उदय सामंत की ओर था। अतीत में, शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया था कि शिंदे और अजित पवार के साथ सामंत राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री हो सकते हैं। राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति को लेकर निष्क्रियता के मुद्दे पर, आदित्य ठाकरे ने सवाल किया कि सरकार विपक्ष के नेताओं से क्यों डरती है।फडणवीस ने कहा, अगर कोई ऐसा कहता है, तो कल कोई और दावा कर सकता है कि आदित्य ठाकरे के 20 विधायक भी भाजपा के साथ हैं। सिर्फ कह देने से कुछ नहीं होता। उन्होंने साफ किया है कि भाजपा को उनके विधायक लेने की कोई जरूरत नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/09दिसंबर2025