लेख
10-Dec-2025
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बिहार ने हाल के वर्षों में विकास और सुशासन की दिशा में उल्लेखनीय कदम बढ़ाए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत पाँच वर्षीय विकास रूपरेखा न सिर्फ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि यह युवाओं, किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों की आकांक्षाओं को भी आधार प्रदान करती है। इस रूपरेखा का मुख्य लक्ष्य एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, शिक्षा व स्वास्थ्य प्रणाली को आधुनिक बनाना, महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाना और उद्योगों को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।विकास का व्यापक दृष्टिकोण और नई प्राथमिकताएँ बरकरार है।बिहार की विकास योजना का केंद्रबिंदु आर्थिक मजबूती है। राज्य सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने, उद्योगों को पुनर्जीवित करने और कृषि उत्पादन को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ने को प्राथमिकता में रखा है। स्वास्थ्य, खेल, पर्यटन तथा बुनियादी संरचना का विस्तार इस रूपरेखा के महत्वपूर्ण आयामों में शामिल है। सरकार का दावा है कि अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, और आगामी वर्षों में करोड़ों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।दो दशकों में बिहार बदला है।जिसमे कानून का राज और सामाजिक सद्भाव शामिल है। वर्ष 2005 के बाद बिहार में शासन व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला। राज्य ने भय और अराजकता के माहौल से बाहर निकलकर कानून के राज को स्थापित किया। प्रशासनिक सुधारों और कड़ी निगरानी व्यवस्था के परिणामस्वरूप राज्य में शांति, सद्भाव और भाईचारे की भावना मजबूत हुई। आज बिहार सामाजिक स्थिरता के आधार पर विकास की नई इमारत खड़ी कर रहा है। यह स्थिरता वह आधार है, जिस पर शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि से जुड़े सुधारों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सका है। शिक्षा में व्यापक विस्तार और गुणवत्तापूर्ण सुधार में भारी परिवर्तन देखने को मिला है। बिहार के विकास मॉडल में शिक्षा को केंद्रीय स्थान दिया गया है। पिछले दो दशकों में सरकारी विद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नए विद्यालयों के निर्माण और शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है। आज राज्य में सरकारी शिक्षकों की संख्या 5.2 लाख तक पहुँच चुकी है, जो देश के बड़े राज्यों में से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए चलाई गई योजनाये जैसे साइकिल योजना, पोशाक योजना और छात्रवृत्त ने लड़कियों की स्कूली शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर छात्राओं की उपस्थिति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत संकेत है। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और मेडिकल शिक्षा में नया अध्याय स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार ने ठोस प्रगति की है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या जहाँ पहले केवल छह थी, वहीं अब यह बढ़कर बारह हो चुकी है और कई अन्य कॉलेज निर्माणाधीन हैं। इससे न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है, बल्कि मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा हुए हैं। स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन ने ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सरल बनाया है। नई स्वास्थ्य योजनाओं और तेज़ प्रशासनिक व्यवस्था से आम जनता को त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो रही है। बुनियादी ढाँचे का अभूतपूर्व विकास हुआ है।बिहार में सड़क, पुल, बाईपास और एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण ने परिवहन व्यवस्था को नई दिशा दी है। पहले जहाँ यात्रा करना कठिन और समय लेने वाला होता था, वहीं अब बेहतर सड़क नेटवर्क से शहरों तथा गांवों के बीच का फासला कम हुआ है। हर घर नल का जल, पक्की सड़क, शौचालय और बिजली पहुँचाने की योजनाओं ने ग्रामीण जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। वर्ष 2018 तक हर घर तक बिजली पहुंचने से राज्य की सामाजिक-आर्थिक संरचना में नई संभावनाओं का निर्माण हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल बिजली व्यवस्था ने व्यापार, शिक्षा और संचार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिला सशक्तिकरण बिहार का सबसे मजबूत स्तंभ है।इस पर सरकार का पूरा फोकस है। महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बिहार ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पंचायत राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर राज्य ने नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया है। जीविका स्वयं सहायता समूहों की सदस्य संख्या 1.4 करोड़ तक पहुँच चुकी है। इन समूहों ने महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में अहम योगदान दिया है। महिला रोजगार योजना के तहत अब तक 156 करोड़ महिलाओं को दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है, जिसे दो लाख रुपये तक बढ़ाने की तैयारी है। यह योजना महिलाओं की आर्थिक क्षमता को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। कृषि को तकनीक और नीति से जोड़ने का प्रयास भी जारी है। कृषि को बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। सरकार ने धान अधिप्राप्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किसानों को समय पर भुगतान और उचित मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए हैं।केंद्र सरकार द्वारा 4 हजार करोड़ की मंजूरी मिलने से कृषि क्षेत्र में नई योजनाओं को लागू करने में तेजी आएगी। आधुनिक तकनीकों, सिंचाई सुविधाओं, बीज सुधार और फसल सुरक्षा उपायों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कृषि आधारित उद्योगों तथा कोल्ड चेन नेटवर्क को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है। उद्योग और पर्यटन क्षेत्र में नई आर्थिक संभावनाओं की तलाश सरकार की पहली प्राथमिकता है।इस तरफ सरकार ध्यान दे रही है।बिहार की नई विकास नीति में उद्योगों को पुनर्जीवित करने और निवेश आकर्षित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य में बिजली, सड़क और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार से उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में बिहार की अपार संभावनाओं को अब योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जा रहा है। बौद्ध, जैन, सिख, हिंदू और इस्लामिक विरासत स्थलों ने बिहार को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर विशेष स्थान दिया है। पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास रोजगार और आय का बड़ा स्रोत बन सकता है। समाज कल्याण और विकास की निरंतर गाथा से समाज मे अमूलचूल परिवर्तन देखा गया है।बिहार की विकास यात्रा में समाज कल्याण की योजनाओं को मजबूत आधार बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज गृह-नल जल योजना और पक्की सड़कों की उपलब्धता ने जीवन स्तर में स्थायी सुधार किया है। स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाएँ और शिक्षा में बढ़ती पहुँच ने समाज में नई जागरूकता पैदा की है। सरकार का दावा है कि इन योजनाओं ने समावेशी विकास को गति दी है, जिसमें प्रत्येक समुदाय को समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।नए बिहार में भविष्य की ओर बढ़ता आत्मविश्वास की ताकत जनता की उम्मीदों का उदारहण है।पाँच वर्षीय विकास रूपरेखा बिहार की नई ऊर्जा और नए विश्वास का प्रतीक है। शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि और सामाजिक कल्याण की सामूहिक प्रगति ने राज्य को विकास की तेज़ राह पर ला खड़ा किया है। युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सशक्तिकरण, किसानों को समर्थन और गरीब परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग और राज्य की नीतिगत स्पष्टता ने बिहार को नई दिशा दी है। आज का बिहार भय और पिछड़ेपन की छवि से निकलकर विकास, स्थिरता और समृद्धि की ओर बढ़ा है। आने वाले वर्षों में यह प्रगति और भी गति पकड़ने की संभावना रखती है। नए अवसरों और योजनाओं के साथ बिहार अपने भविष्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी में है। ईएमएस / 06 / 12 / 2025