राज्य
12-Dec-2025


वेतन में गड़बड़ी और सर्विस नंबर अचानक बदले जबलपुर, (ईएमएस)। आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में नया ईआरपी सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद कर्मचारियों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड ने दो माह पूर्व अपनी सभी इकाइयों में नया ईआरपी सिस्टम लागू किया था, लेकिन इसका प्रभाव कर्मचारियों पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। सबसे अधिक शिकायतें वेतन संबंधी त्रुटियों और सर्विस नंबर में अचानक किए गए बदलाव को लेकर सामने आ रही हैं। नए ईआरपी सॉफ्टवेयर के चलते इस माह कर्मचारियों के वेतन में बड़ी गड़बड़ी देखी गई। कई कर्मचारियों का वेतन गलत दिखा, जबकि कुछ के कटौतियां मनमाने ढंग से बढ़ गईं। इससे सभी वर्ग के कार्मिक परेशान हैं और लगातार एचआर तथा प्रशासनिक विभाग के चक्कर काट रहे हैं। यूनियनों ने आरोप लगाया है कि ईआरपी को बिना परीक्षण और तैयारी के जल्दबाजी में लागू किया गया, जिससे समस्याएं निरंतर बढ़ रही हैं। कर्मचारियों के अनुसार, सॉफ्टवेयर में चल रही विसंगतियों को ठीक करने की जगह “जल्दबाजी” में वेतन प्रोसेस कर दिया गया, जो बड़ी लापरवाही है। सर्विस नंबर बदलने पर विवाद…… यूनियनों का सबसे बड़ा विरोध इस बात को लेकर है कि ईआरपी लागू होते ही सभी कर्मचारियों के पर्सनल सर्विस नंबर बदल दिए गए, जबकि कर्मचारियों ने निगम में शामिल होने के विकल्प भरे ही नहीं थे। यूनियनों का आरोप है कि सर्विस नंबर बदलना सरकार का “अघोषित निगमकरण” का प्रयास हो सकता है। कंपनी का नया नंबर लागू कर कर्मचारियों को स्वतः ही निगम कर्मचारी घोषित करने की साजिश की जा रही है। बिना अनुमति नंबर बदलना सेवा शर्तों का उल्लंघन है। चर्चा तेज है कि सरकार ने अघोषित रूप से सभी को निगम कर्मचारी मान लिया है, जबकि यूनियनें इसका कड़ा विरोध कर रही हैं। पुराने नंबर को आधार बनाकर ही वेतन भुगतान हो … सुरक्षा कर्मचारी यूनियन और एससी एसटी यूनियन खमरिया ने मांग की है कि कर्मचारियों के सर्विस नंबर में किए गए बदलाव तुरंत वापस लिए जाएं। पुराने पर्सनल नंबर ही वेतन और सेवा-संबंधी कार्यों का आधार बने। ईआरपी की विसंगतियां दूर होने तक नया सिस्टम स्थगित किया जाए। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान तुरंत नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। कर्मचारी का एक-एक पैसा दिलाकर रहेंगे… अधिकार मोर्चा के नेताओं आनंद शर्मा, राकेश रंजन, शशिभूषण पासवान, अखिलेश पटेल, राकेश शर्मा, हृदेश यादव और अनिल गुप्ता ने कहा कि कर्मचारी का हक छीना नहीं जा सकता। वेतन विसंगति और सर्विस नंबर में बदलाव जैसे मुद्दों पर हम किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे। कर्मचारी का एक-एक पैसा दिलाकर रहेंगे। कर्मचारी असमंजस में …….. आयुध निर्माणियों में कर्मचारियों के सरकारी कर्मचारी बने रहने या निगम में शामिल होने को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। जहाँ कंपनियाँ कर्मचारियों को निगम में आने के लिए प्रेरित कर रही हैं, वहीं यूनियनें प्रसार भारती मॉडल के आधार पर सेवानिवृत्ति तक सरकारी कर्मचारी बने रहने की मांग कर रही हैं। इसी बीच ईआरपी सॉफ्टवेयर द्वारा सर्विस नंबर बदलने और अवकाश सुविधाओं में स्वतः हुए परिवर्तनों ने कर्मचारियों की चिंता और बढ़ा दी है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि हम सरकारी ही हैं, तो फिर सर्विस नंबर क्यों बदला गया? सुनील साहू / शहबाज / 12 दिसंबर 2025/ 05.39