लेख
नर हो न निराश करो मन को। कुछ काम करो, कुछ काम करो। जग में रहकर कुछ नाम करो? - मैथिलीशरण गुप्त सब प्राचीन अच्छा और सब नया बुरा नहीं होता। बुद्धिमान पुरुष स्वयं परीक्षा द्वारा गुण-दोषों का विवेचन करते हैं। - कालिदास ईएमएस / 13 दिस्मबर 25