सच्चाई का अपना आस्तित्व होता है l सच्चाई युगों युगों तक जिन्दा रहती है l बेईमानी का सर्वनाश होता है यह अटल सत्य है l बेईमान लोग एक दिन जरूर मिट्टी में मिल जाते हैं l बेईमानी कुछ दिन तक ही फलती फूलती है और एक दिन ओंधे मुँह गिर जाती है l बेईमानों की औलादें ही बेईमानों को बर्बाद करती हैं lईश्वर की चक्की पाप और पापी को पीस के रख देती है l मानवता आज मर चुकी है चारों तरफ अन्धेर मचा हुआ है। आधुनिक समाज का मानव आज दानवों से भी घिनौने कर्म कर रहा है।ऐसे कर्म करती बार वह न तो दुनिया से डरता है और न ही भगवान से डरता है मगर कहतें हैं।ईश्वर की चक्की जब चलती है तो वह पाप और पापी को पिस के रख देती है।यह एक शाश्वत सत्य है। जब अल्लाह की लाठी पड़ती है तो उसमें आवाज नहीं होती।मानव को उसके बुरे कर्मो की सजा जरुर मिलती है।भगवान के घर देर जरुर है मगर अन्धेर नहीं है। मानव आज दानवों की श्रेणी में आता जा रहा है।मंदिरों में कुकृत्य कर रहा है ऐसे कर्मो से वसंुधरा कांप रही है।एक दूसरे को नीचा दिखा रहे है।चंद कागज के टुकड़ों व सोने के सिक्कौं के कारण आज मानव इतना अभिमान करता है कि दूसरे आदमी का अनादर करने में गर्व महसूस करता है।मगर पैसा तो एक वेश्या के पास भी होता है।वक्त का पहिया जब घूमता है तो कंगाल होने में देर नहीं लगती।मानव झूठ-फरेब करके अमीरी का लबादा पहन रहा है मगर झूठ के पांव नहीं होते।कभी न कभी झूठ लड़खडा सकता है मगर जो सच्चाई के पथ पर चलता है उसका बाल तक बांका नहीं होता तभी तो कहते है कि सांच को आंच नहीं आती।राजा को रंक बनने में एक पल भी नहीं लगता । (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 15 दिसम्बर /2025