लेख
15-Dec-2025
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भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिहार के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करना मात्र एक संगठनात्मक फेरबदल नहीं है। यह निर्णय भाजपा की दीर्घकालिक राजनीतिक रणनीति, पीढ़ीगत परिवर्तन और क्षेत्रीय संतुलन की गहरी समझ को दर्शाता है। 45 वर्ष की उम्र में नितिन नवीन भाजपा के इतिहास में इस पद पर पहुँचने वाले सबसे युवा नेता बन गए हैं। साथ ही वे बिहार से आने वाले पहले ऐसे नेता हैं जिन्हें पार्टी की राष्ट्रीय संगठनात्मक धुरी सौंपी गई है। यह नियुक्ति साफ संकेत देती है कि भाजपा अब युवा नेतृत्व को आगे लाने के साथ-साथ बिहार को अपनी राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा चुकी है। नितिन नवीन की राजनीतिक यात्रा भाजपा की संगठनात्मक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से निकलकर उन्होंने जमीनी राजनीति में खुद को साबित किया। पटना के बैंकिपुर विधानसभा क्षेत्र से पाँच बार विधायक चुने जाना केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि मतदाता से सीधा संवाद और संगठन पर मजबूत पकड़ का प्रमाण है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें एक सक्षम प्रशासक के रूप में भी स्थापित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नितिन नवीन को “ऊर्जावान और संगठनात्मक अनुभव से समृद्ध नेता” कहना औपचारिक वक्तव्य नहीं था। यह उस विश्वास का सार्वजनिक संकेत था जो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनमें देखता है - एक ऐसा नेता जो पार्टी की वैचारिक परंपरा और भविष्य की राजनीतिक जरूरतों के बीच सेतु बन सकता है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 243 में से 200 से अधिक सीटें जीतकर गठबंधन ने न केवल सत्ता बरकरार रखी, बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा ही बदल दी। वर्षों तक जातिगत समीकरणों में उलझा रहने वाला बिहार अब विकास, संगठन और सुशासन की राजनीति का उदाहरण बनकर उभरा है। नितिन नवीन का उभार यह स्पष्ट करता है कि भाजपा की नजर में बिहार अब हाशिए का राज्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का रणनीतिक केंद्र है। 2029 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के संदर्भ में यह कदम संकेत देता है कि भाजपा बिहार मॉडल को उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी दोहराने की कोशिश करेगी। इस फैसले का एक गहरा अर्थ पार्टी के भीतर चल रहे पीढ़ीगत बदलाव से भी जुड़ा है। 2024 के लोकसभा चुनावों के कारण जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया गया था, लेकिन अब भाजपा नेतृत्व नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। नितिन नवीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाना भविष्य की नेतृत्व संरचना की स्पष्ट झलक देता है। विपक्ष के लिए यह नियुक्ति कई सबक छोड़ती है। जहाँ एक ओर भाजपा विरासत और योग्यता के बीच संतुलन साध रही है, वहीं कई विपक्षी दल अब भी वंशवाद और जड़ नेतृत्व से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। नितिन नवीन की पृष्ठभूमि ने उन्हें अवसर दिया, लेकिन उनका उदय संगठन में वर्षों की मेहनत का परिणाम है। सामाजिक संतुलन के स्तर पर भी भाजपा का यह दांव महत्वपूर्ण है। शहरी पृष्ठभूमि के बावजूद ग्रामीण नेटवर्क से गहरा जुड़ाव रखने वाले नितिन नवीन उस समावेशी राजनीति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे भाजपा लगातार मजबूत कर रही है। अंततः, नितिन नवीन का राष्ट्रीय उदय किसी एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि भाजपा की उस राजनीतिक सोच का प्रतिबिंब है जो भविष्य की चुनौतियों को आज ही पहचान कर तैयारी करती है। भाजपा के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है और विपक्ष के लिए एक चेतावनी। राजनीति वही जीतेगा, जो समय से पहले बदलाव को समझेगा। (के.के. झा वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनितिक विश्लेषक हैं जिनकी उत्तर भारतीय राजनीती में गहरी रूचि है।) ईएमएस/15 दिसम्बर 2025