वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी इमिग्रेशन और वीजा नीतियों को लेकर चर्चा में हैं। ट्रंप ने अब एक और कदम उठाते हुए गोल्ड कार्ड को पेश किया है। ट्रंप प्रशासन का गोल्ड कार्ड एक महंगा इमिग्रेशन प्रोग्राम है। इसे ऐसे लोगों और कंपनियों को लीगल स्टेटस और अमेरिकी नागरिकता देने के लिए डिजाइन किया है, जो इसके लिए एक बड़ी रकम खर्च कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इससे प्रतिभाशाली लोग अमेरिका आएंगे और देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा- अमेरिकी सरकार का ट्रंप गोल्ड कार्ड आज यहां है। यह सभी योग्य और सत्यापित लोगों के लिए नागरिकता का सीधा रास्ता है। हमारी बड़ी अमेरिकी कंपनियां आखिरकार अपनी अमूल्य प्रतिभा को बनाए रख सकेंगी। ट्रंप का यह चौंकाने वाला ऐलान उनके सख्त आप्रवासन नियमों के बीच आया है। ट्रंप की गोल्ड कार्ड योजना तीन दशक पुराने ईबी-5 निवेशक वीजा का विकल्प मानी जा रही है। इसके तहत विदेशी नागरिक निजी तौर से 10 लाख डॉलर या अपनी कंपनियों के जरिए 2 मिलियन डॉलर का निवेश करने पर स्थायी निवास हासिल कर सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई एक्सपर्ट का कहना है कि यह असल में एक बदले हुए ग्रीन कार्ड की तरह है। इसके धारकों को अमेरिका में अनिश्चित काल तक रहने और काम करने का स्थायी कानूनी दर्जा मिलेगा। साथ ही वे नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। अमेरिका का ग्रीन कार्ड कई तरीकों से मिलता है। इसमें स्पॉन्सरशिप प्रायोजन, लॉटरी और ईबी-5 निवेश शामिल है, जिसकी शुरुआत 800,000 डॉलर से होती है और नौकरी पैदा करना शर्त होती है। वहीं गोल्ड कार्ड के लिए 1 मिलियन डॉलर का आधार संस्करण जरुरी है। गोल्ड कार्ड पुराने तरीकों को दरकिनार करते हुए तेजी से मंजूरी का रास्ता खोलता है। गोल्ड कार्ड कार्यक्रम में ईबी-1 या ईबी-2 वीजा श्रेणियों के तहत कानूनी स्थायी निवासी का दर्जा मिलेगा। यह अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग की ओर से तय किया जाएगा और वीजा की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। गोल्ड कार्ड के आवेदन में 15,000 डॉलर की जांच शुल्क शामिल है। एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनियों के लिए यह कार्ड लागत कम होने की गारंटी नहीं है। कंपनियां कई कार्ड खरीद सकती हैं लेकिन कार्ड केवल एक कर्मचारी के लिए लागू होता है। यह मॉडल उन कंपनियों के लिए फायदेमंद है, जिनके पास बड़ी पूंजी है। सिराज/ईएमएस 13 दिसंबर 2025