13-Dec-2025
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-यह पोत उन्नत एवं अत्याधुनिक गोताखोरी प्रणालियों से है सुसज्जित नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय नौसेना 16 दिसंबर को कोच्चि में एक औपचारिक समारोह में अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट ‘डीएससी ए20’ को बेड़े में शामिल करेगी। यह दक्षिणी नौसेना कमान की उपस्थिति में आयोजित होगा। इस समारोह की अध्यक्षता फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल समीर सक्सेना करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीएससी ए20 का शामिल होना नौसेना के बेड़े के लिए एक प्रमुख उपलब्धि है। इसके जरिए भारतीय नौसेना की गोताखोरी और जल के भीतर सहायता क्षमताओं में उल्लेखनीय तेजी आएगी। डीएससी ए20 कोलकाता स्थित मेसर्स टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा निर्मित पांच डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट श्रृंखला का पहला पोत है। इसको तटीय जलक्षेत्र में कई प्रकार के गोताखोरी और जलीय अभियानों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। यह पोत उन्नत एवं अत्याधुनिक गोताखोरी प्रणालियों से सुसज्जित है, जो सुरक्षा, विश्वसनीयता और परिचालन दक्षता के सर्वोच्च मानकों को तय करता है। बता दें कैटामारन-आधारित पतवार विन्यास वाला यह पोत उत्कृष्ट स्थिरता, विस्तारित डेक क्षेत्र और बेहतर समुद्री योग्यता प्रदान करता है। करीब 390 टन के विस्थापन वाले इस जहाज को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) के नौसेना नियमों और विनियमों के अनुरूप डिजाइन और निर्मित किया है। डीएससी ए20 का विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में व्यापक हाइड्रोडायनामिक विश्लेषण और मॉडल परीक्षण किया गया, जिससे इसके इष्टतम प्रदर्शन, स्थिरता तथा दीर्घकालिक विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया गया। डीएससी ए20 का शामिल होना भारत की आत्मनिर्भरता के मार्ग में मील का पत्थर है और समुद्री क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल की उल्लेखनीय सफलता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह उन्नत मंच भारतीय नौसेना, स्वदेशी जहाज-निर्माण उद्योग और राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के बीच सुचारु एवं परिणामोन्मुख सहयोग का प्रतीक बन गया है। इस पोत के शामिल होने से भारतीय नौसेना की गोताखोरी सहायता, जल के भीतर निरीक्षण, बचाव अभियानों और तटीय क्षेत्रों में परिचालन तैनाती की क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। सिराज/ईएमएस 13 दिसंबर 2025