शबद कीर्तन से वंदेमातरम् तक, हिंदू सम्मेलन में दिखा भारत की संस्कृति का वैभव बिलासपुर (ईएमएस)। शनिवार को हिंदू सम्मेलन आयोजन समिति द्वारा पारिजात कॉलोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल परिसर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक गणेश राम साहू मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को यदि श्रेष्ठ संस्कृति और संस्कार किसी देश ने दिए हैं, तो वह भारत है। हमारे पुरखों ने इस संस्कृति को विकसित करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया है, जिसे बचाने का दायित्व आज हम सबका है।कार्यक्रम का शुभारंभ मां भारती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक आरती के साथ किया गया। अतिथियों के स्वागत एवं परिचय के पश्चात कु. खुशी एवं साथियों द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। शबद कीर्तन से शुरू हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हिंदू सम्मेलन में पहली सांस्कृतिक प्रस्तुति सरदार जसवंत सिंह एवं सरदार खुशवंत सिंह द्वारा प्रस्तुत शबद कीर्तन रही। इसके बाद तेजस्विनी छात्रावास की स्वयंसेविकाओं द्वारा सामूहिक भजन प्रस्तुत किया गया, जिसे उपस्थितजनों ने सराहा। छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों ने मोहा मन सेजेस तिफरा के छात्र-छात्राओं द्वारा छत्तीसगढ़ी गीतों पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। बालवृंद पारिजात कॉलोनी द्वारा देशभक्ति गीत पर समूह नृत्य, नित्या खत्री द्वारा अरपा पैरी के धार राजगीत पर एकल नृत्य एवं नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।परिसर में जयश्री भाटिया द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। गुरु के महत्व पर दिया गया संदेश वरिष्ठ चित्रकार एवं संत वक्ता दिलीप दिवाकर पात्रीकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में गुरु का विशेष महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर ज्ञान विद्यमान होता है, लेकिन अज्ञान के आवरण को हटाने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।मातृशक्ति वक्ता प्रो. नीलांबरी दवे ने कहा कि वर्तमान समय में कुटुंब प्रबोधन की अत्यंत आवश्यकता है। कभी भारत की पारिवारिक परंपरा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा थी, लेकिन आज पारिवारिक विघटन चिंता का विषय बन गया है। संस्कृति-संस्कार बचाने का आह्वान मुख्य वक्ता गणेश राम साहू ने कहा कि भारत की संस्कृति और संस्कार मानवता के लिए मार्गदर्शक हैं। हमें मिलकर इन मूल्यों को बचाने और आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। कलाकारों का किया गया सम्मान इस अवसर पर आलोक भाकरे द्वारा व्यक्तिगत गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को पुरस्कृत किया गया। आयोजन का समापन समिधा करमबेलकर द्वारा प्रस्तुत वंदेमातरम् गीत के साथ हुआ।कार्यक्रम का सफल संचालन निलेश पिंपलापुरे और गजानन वासुदेव फडक़े ने किया। सम्मेलन में विभिन्न कॉलोनियों के प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 14 दिसंबर 2025