- असद के हटने के बाद अमेरिकी सेना पर पहला हमला दमिश्क (ईएमएस) । मध्य सीरिया के शहर पल्मायरा में इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस के एक हमलावर ने अमेरिकी सैनिकों पर हमला किया। हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हुए हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी सैनिक आईएसआईएस के खिलाफ चल रहे आतंकवाद-रोधी अभियानों के तहत एक बैठक में शामिल थे। हमलावर को मौके पर मौजूद सीरियाई बलों ने मार गिराया। सीरियाई मीडिया के मुताबिक, इस हमले में सीरियाई सुरक्षा बलों के कुछ सदस्य भी घायल हुए हैं। सभी घायलों को हेलिकॉप्टर के जरिए अल-तनफ स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ले जाया गया। अमेरिकी बलों पर यह हमला बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद पहली बार हुआ है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार समूह के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी। ट्रम्प ने मुंहतोड़ जवाब देने और बदला लेने की बात कही। सीरिया में आईएसआईएस के स्लीपर सेल अब भी एक्टिव आईएसआईएस को 2019 में क्षेत्रीय रूप से हराया जा चुका है, लेकिन संगठन के स्लीपर सेल अब भी सीरिया और इराक में सक्रिय बताए जाते हैं। अनुमान है कि आईएसआईएस के पास 5,000 से 7,000 लड़ाके अब भी मौजूद हैं। पूर्वी सीरिया में अमेरिका के सैकड़ों सैनिक तैनात हैं, जो आईएसआईएस के डेवलपमेंट को रोकने के लिए गठबंधन का हिस्सा हैं। दिसंबर 2024 में तख्तापलट के बाद अहमद अल-शरा ने अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर सत्ता संभाली थी। असद के पतन के बाद सीरिया के नए अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के नेतृत्व में अमेरिका से संबंध सुधरे हैं। हाल ही में सीरिया आईएसआईएस विरोधी गठबंधन में शामिल हुआ है। यह अमेरिका और सीरिया दोनों पर हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर इस हमले को आईएस का अमेरिका और सीरिया दोनों पर हमला बताया और कहा कि इसके लिए बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा। ट्रम्प ने बताया कि सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा इस घटना से बहुत दुखी और गुस्से में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि घायल अमेरिकी सैनिकों की हालत में सुधार है। कुछ मीडिया रिपोट्र्स में दावा किया गया है कि हमलावर सीरियाई सुरक्षा बलों का सदस्य था, जिसे चरमपंथी विचारों के कारण हटाया जा रहा था। हालांकि, सीरियाई अधिकारियों ने इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अमेरिका ने सीरिया में 1 हजार सैनिक तैनात कर रखे अमेरिका ने 2014 से सीरिया में सैनिक तैनात कर रहा है। पहले यह तैनाती ईरान समर्थित मिलिशिया और रूसी खतरे के कारण थी, लेकिन अब मुख्य फोकस सिर्फ आईएसआईएस पर है। इसी समय ऑपरेशन इनहेरेंट रिजॉल्व के तहत आईएसआईएस को हराने का अभियान शुरू हुआ। हालांकि आईएसआईएस को 2019 में क्षेत्रीय रूप से हरा दिया गया, लेकिन उसके स्लीपर सेल अब भी हमले करते रहते हैं। दिसंबर 2025 तक, अमेरिका के लगभग 1,000 सैनिक (पहले 2,000 थे, लेकिन 2025 में कमी की गई) पूर्वी और उत्तर-पूर्वी सीरिया में तैनात हैं। ये सैनिक कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) के साथ मिलकर काम करते हैं। ये स्थानीय बलों को ट्रेनिंग देते हैं, आईएसआईएस के ठिकानों पर हवाई हमले करते हैं और उसके डेवलपमेंट को रोकते हैं। अमेरिकी सैनिक अब सीरियाई सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त ऑपरेशन भी कर रहे हैं। अमेरिका ने 2025 में सैनिकों की संख्या घटाई है, लेकिन पूर्ण वापसी नहीं हुई है। विनोद उपाध्याय/14 दिसंबर2025