16-Dec-2025
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* कूप कटाई का लगातार विरोध कर रहे ग्रामवासी कोरबा (ईएमएस) जानकारी के अनुसार वर्ष 2025-26 में कूप विदोहन कार्य प्रारंभ होने पर ग्रामीणों द्वारा शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न करते हुवे लूटपाट कर कार्य बंद कराया गया है। पुलिस ने नामजद दर्जन भर से अधिक सहित लगभग 50 अन्य ग्रामीणों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया है। बताया गया कि 19 अक्टूबर 2025 को वनमण्डल कार्यालय कोरबा में वनमण्डलाधिकारी कोरबा द्वारा कोरबा वनमण्डल अंतर्गत वर्ष 2025-26 में कूप विदोहन कार्य प्रारंभ करने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी थी। उक्त समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देश के परिपालन में उप वनमण्डलाधिकारी दक्षिण-कोरबा के मार्गदर्शन में 23.10.2025 से वन परिक्षेत्र पसरखेत अंतर्गत ग्राम कोल्गा, पसरखेत, बताती में कूप विदोहन का कार्य नियमानुसार लगातार प्रगति पर है। इस बीच अभी 09 दिसम्बर को सुबह लगभग 11 बजे 40-50 की संख्या में महिलाओं ने कूप विदोहन क्षेत्र में आकर जबरन कार्य को बंद करा दिया। कूप स्थल पर उपस्थित कर्मचारियों एवं सुरक्षा श्रमिकों को गाली गलौच देते हुये विदोहन कार्य में उपयोगार्थ सामान यथा टांगा 80 नग आरा 25 नग, कटिंग मशीन 3 नग, फावड़ा 10 नग सब्बल 3 नग जनरेटर मशीन 1 नग, छोटा हाथी वाहन क्रमया सी जी 06 टी 0185 में लोड को लूटमार कर ले गये तथा दोबारा काम में आने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप हैं। आरोप है कि इनके द्वारा काष्ठ परिवहन में नियोजित ट्रकों के ड्राईव्हर एवं भराई-उतराई के लिये कार्यरत श्रमिकों को भी भगा दिया। बताया गया कि वर्ष 2024-25 से इस कार्य और प्रशिक्षण में व्यवधान किया जा रहा है। इस बीच कई बैठकों में कूप कटाई की सहमति भी दी गई, किन्तु 05 दिसम्बर को स्वतः ग्राम कोल्गा के ग्रामीणों एवं महिलाओं के द्वारा बैठक में एकपक्षीय निर्णय लेकर वन विभाग को सूचना दिया गया कि कूप विदोहन का कार्य में हम लोग सहमत नहीं है एवं कार्य को बन्द किया जाये। लिखित प्रतिवेदन वन परिक्षेत्र कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। विभाग के रेंजर का आरोप है कि ग्रामीणों एवं महिलाओं द्वारा कुछ असमाजिक तत्वों के बहकावे में आकर शासकीय कार्य में निरंतर व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। सहमति और विरोध के मध्य कई बार विवाद निर्मित हो चुका है। उपरोक्त कंडिकाओं से स्पष्ट हुआ है कि ये असामाजिक प्रकृति के लोग भोले ग्रामीणों को उकसाकर ना केवल उनकी दैनिक आजीविका को बाधित कर रहे हैं, बल्कि लगातार शासकीय कार्यों को बाधित करते हुये शासन के राजस्व की हानि को बढ़ावा दे रहे हैं। इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करते हुये आवश्यक कार्यवाही किये जाने की शिकायत उपरांत इनके विरुद्ध धारा 190, 221, 296, 304(2), 351(3)-BNS के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना की जा रही है।