- कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही कोरबा (ईएमएस) कोरबा जिलान्तर्गत रजगामार संकुल अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला ओमपुर विद्यालय में लगातार दो दिनों तक रसोईघर बंद रहने के कारण बच्चों को न तो नाश्ता मिला और न ही मध्यान्ह भोजन। भूखे मासूम बच्चे कक्षाओं में मायूस बैठे रहे, जबकि विद्यालय प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। बिना भोजन के बच्चों को पढ़ाई के लिए मजबूर किया गया, जिससे उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा। मामले की जानकारी मिलते ही आक्रोशित परिजन विद्यालय पहुंचे और कड़ी नाराजगी जताई। परिजनों का कहना है कि शासन मध्यान्ह भोजन योजना पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन शासकीय स्कूलों में बच्चों को उनका मूल अधिकार तक नहीं मिल पा रहा है। भोजन जैसी बुनियादी व्यवस्था में लापरवाही यह दर्शाती है कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। परिजनों ने मामले को गंभीर बताते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को तत्काल हटाने मांग की गई। ज्ञापन में भोजन व्यवस्था में गंभीर लापरवाही, विद्यालय संचालन में मनमानी और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं। परिजनों का यह भी कहना है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के बजाय अक्सर अपशब्द कहे जाते हैं, जिससे उनका मानसिक शोषण हो रहा है। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद अब तक किसी भी तरह की ठोस कार्यवाही न होने से परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अब तक जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। 16 दिसंबर / मित्तल