राज्य
16-Dec-2025
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- कोर क्षेत्र में टूरिस्ट नहीं खींच पाएंगे फोटो-वीडियो, बफर जोन में नाइट सफारी भी की बंद भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में घूमने जाने वाले पर्यटक अब मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएंगे। पर्यटकों को कोर क्षेत्र में घूमने से पहले जिप्सी में गाइड या काउंटर पर मोबाइल जमा कराना होगा। यह रोक 16 दिसम्बर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ समेत प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में लागू हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर को दिए गए आदेश के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शुभरंजन सेन ने सोमवार को आदेश जारी किए है। जिसमें सभी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक को लिखा कि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पर्यटन क्षेत्र में मोबाइल फोन का उपयोग न किए जाएं। पत्र में उल्लेख किया गया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा टीएन गोडावर्मन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य प्रकरण में दिनांक 17 नवंबर को निर्णय (जजमेंट) पारित किया गया है। अत: उपरोक्त निर्णय के बिंदु क्रमांक 48.5 के अंतर्गत टाइगर रिजर्व के कोर हैबिटेट के पर्यटन क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं होगी संबंधी निर्देशों का पालन करते हुए, इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। यह निर्णय वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके प्राकृतिक व्यवहार में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। कोर्ट के आदेश अनुसार लगाया प्रतिबंध वन विभाग के अफसरों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोर क्षेत्र में पर्यटकों के मोबाइल उपयोग को प्रतिबंध किया है। जंगल में रहने वाले वन्य प्राणी, वन्य जीव के विचरण में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने बताया सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मढ़ई, चूरना और पचमढ़ी पनारपानी कोर क्षेत्र में जंगल सफारी होती है। कोर क्षेत्र में पर्यटक मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएंगे। सभी रेंजर को इस संबंध में निर्देश दें दिए है। गेट पर ही मोबाइल रखने की व्यवस्था की जाएगी या जिस जिप्सी में पर्यटक जाएंगे, उसके गाइड के पास मोबाइल बंद कर जमा कराएं जाएंगे। फॉरेस्ट के अफसरों का मानना है कि मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगने से वन्य प्राणियों के लिए तो फायदा होगा ही, साथ ही पर्यटकों के लिए भी होगा। जो केवल जंगल और यहां की वादियों को अच्छे से देख, उसकी अनुभूति कर पाएंगे। वन्य प्राणियों को देख, इसका लुफ्त लेंगे। जंगल सफारी के दौरान मोबाइल के उपयोग से व्यक्ति का दिमाग डाइवर्ट होता है। जिससे वो पूरे मन से सफारी का आनंद नहीं ले पाते है और कई चीजें देखने से चूक जाते है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नाइट सफारी भी की बंद सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर को दिए गए आदेश के बाद बफर क्षेत्र में नाइट सफारी भी बंद की गई है। 1 दिसंबर 2025 से प्रदेशभर में रात्रिकालीन सफारी पर पूरी तरह रोक दी गई है। केवल डे और इवनिंग सफारी ही पर्यटकों को कराई जा रही है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पिपरिया बफर, बागड़ा बफर और देलाखारी बफर क्षेत्रों में दिन में जंगल सफारी होती है। विनोद / 16 दिसम्बर 25