पीड़िता ने कहा वह अपनी मर्जी से गई थी - कोर्ट ने कहा पॉक्सो एक्ट में सहमति मायने नहीं रखती भोपाल(ईएमएस)। राजधानी के निशातपुरा थाना इलाके में साल 2019 नाबालिग को प्रेम जाल में फंसाकर दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने आरोपी आरोपी सलमान खान को दोषी करार देते हुए सजा से दण्डित किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कुमुदिनी पटेल की कोर्ट ने देते हुए आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला और नवीन श्रीवास्तव ने पैरवी की है। मिली जानकारी के अनुसार घटना 6 दिसंबर 2019 से 1 जून 2020 के बीच की पुराने शहरके निशातपुरा थाना इलाके की है। उस समय पीड़िता 8वीं कक्षा की छात्रा थी। पीड़िता आरोपी के साथ भागी थी। पीड़िता की मां ने निशातपुरा थाने में बेटी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इंदौर में मजदूरी करने वाला आरोपी सलमान उसे ऑटो से बस स्टैंड लेकर गया और वहॉ से वो उसे इंदौर ले गया। इंदौर से आरोपी किशोरी को उदयपुर ले गया था। वहॉ दो दिन होटल में रुकने के बाद भीलवाड़ा चले गए थे। इसके बाद कई इलाकों में काम की तलाश की। काम नहीं मिलने पर वापस इंदौर आ गए। इस दौरान सलमान ने पीड़िता की सहमति के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। इंदौर में दोनो करीब 6 महीने तक साथ रहे। इसके बाद पुलिस उन्हें दस्तयाब कर भोपाल ले आई थी। आगे की कार्यवाही में सामने आया कि पीड़िता घटना वाले दिन 6 दिसंबर 2019 को सुबह के समय घर से स्कूल गई थी। वहॉ से तबीयत खराब होने का बहाना कर स्कूल से घर जाने का कहकर निकल गई। आरोपी सलमान उसे लेने स्कूल पहुंचा और अपने साथ लेकर चला गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा की वह आरोपी के साथ अपनी मर्जी से गई थी, और संबंध बनाए थे। हालांकि, पीड़िता ने अपने बयान में यह भी बताया कि अब वो आरोपी के साथ नहीं रहना चाहती है। वहीं कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत यदि किसी नाबालिग के साथ संबंध बनाए जाते हैं, तो कानूनन नाबालिग की सहमति कोई मायने नहीं रखती है। क्योंकि यह कानून नाबालिगो को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत यह माना जाता है, कि नाबालिग कानूनी रूप से सहमति देने में सक्षम नहीं होते हैं। फिर चाहे वह सहमति आपसी सहमति से ही क्यों न हो। साथ ही आरोपी का डीएनए भी पॉजिटिव आया है। इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी सलमान को सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। जुनेद / 17 दिसंबर