अंतर्राष्ट्रीय
18-Dec-2025
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इस्लामाबाद(ईएमएस)। पाकिस्तान इस समय गंभीर संकट का सामना कर रहा है, जिसे दोहरी मार कहा जा सकता है। पहले भारत ने पाकिस्तान के लिए जल संकट पैदा किया, अब अफगान तालिबान भी पानी की आपूर्ति को प्रभावित करने की योजना बना रहा है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा था कि खून और पानी दोनों एक साथ नहीं बह सकते, जिससे पाकिस्तान पहले ही गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। अब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की जल स्थिति को और कठिन बनाने का कदम उठाया है। तालिबान ने कुनार नदी पर बांध बनाने का निर्णय लिया है। यह नदी पाकिस्तान की जल आपूर्ति में अहम भूमिका निभाती है। बांध बनने के बाद नदी का पानी गंबीरी रेगिस्तान से नंगारहार प्रांत में दुरंती बांध तक डायवर्ट किया जाएगा। इस योजना के कारण पाकिस्तान के चित्राल और निचले इलाकों में सिंचाई, पेयजल और पनबिजली के लिए पानी की भारी कमी हो सकती है। तालिबान सरकार का कहना है कि यह परियोजना अफगानिस्तान के आंतरिक विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए है। उनका दावा है कि बंजर भूमि की सिंचाई और कृषि उत्पादन बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है, और इसका मकसद पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाना नहीं है। अफगानिस्तान ने स्पष्ट किया है कि एक ऊपरी देश होने के नाते हमारे पास अपने जल संसाधनों का उपयोग करने का संप्रभु अधिकार है। कुनार नदी करीब 480 किलोमीटर लंबी है और यह पाकिस्तान के चित्राल क्षेत्र से होकर गुजरती है। यह अफगानिस्तान के नंगारहार और कुनार प्रांतों से होती हुई पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिलती है। इसके अलावा काबुल और कुनार नदियां भी पाकिस्तान के लिए पानी का प्रमुख स्रोत हैं। इन नदियों पर तालिबान का नियंत्रण पाकिस्तान के जल संसाधनों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। इस परियोजना से अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है। पहले ही दोनों देशों के बीच सीमा और सुरक्षा मामलों को लेकर विवाद चल रहा है। तालिबानी सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के लिए जल संकट और बढ़ सकता है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक एवं आर्थिक संबंधों पर दबाव पड़ सकता है। पाकिस्तान फिलहाल अफगानिस्तान पर किसी भी तरह का हमला नहीं कर रहा, लेकिन इस नए जल विवाद के कारण क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका है। कुल मिलाकर, पाकिस्तान अब न केवल भारत से जल संकट का सामना कर रहा है, बल्कि अफगान तालिबान के इस कदम के कारण भविष्य में पानी की कमी और आर्थिक कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ सकता है। वीरेंद्र/ईएमएस 18 दिसंबर 2025