अंतर्राष्ट्रीय
18-Dec-2025
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मॉस्को,(ईएमएस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की क्रेमलिन स्थित निजी लाइब्रेरी में जर्मन लेपर्ड-2 टैंक का एक टुकड़ा रखा हुआ है। बात दें कि यह टुकड़ा उसी टैंक का है, जो कि जर्मनी ने यूक्रेन को दिया था, ताकि वह रूसी सेना से युद्ध लड़ सके। हालांकि, रूसी सेना ने जर्मन लेपर्ड-2 टैंकों को युद्ध के मैदान में धुआं-धुआं कर दिया। रिपोर्ट्स हैं कि रूस ने कुछ लेपर्ड-2 टैंकों को अपने कब्जे में भी लिया है, ताकि उनकी तकनीक का अध्ययन हो सके। लेपर्ड-2 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुख्य युद्धक टैंकों में से एक माना जाता है। इसकी दुश्मन पर निशाना लगाने की क्षमता अचूक है। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान नष्ट हुए लेपर्ड टैंक का एक टुकड़ा रूसी राष्ट्रपति पुतिन की निजी लाइब्रेरी में रखा गया है। इस टैंक के टुकड़े पर लिखा है, सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ के लिए, स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के क्षेत्र में हमारे द्वारा नष्ट किए गए एक फासीवादी लेपर्ड टैंक का एक टुकड़ा। पुतिन की लाइब्रेरी का यह फुटेज क्रेमलिन में आयोजित पुतिन के एक कार्यक्रम में दिखाया गया था। जर्मनी ने यूक्रेन को 14 लेपर्ड-2 टैंक दिए थे। ये सभी टैंक बिना किसी डील के यूक्रेन को सौंपे गए थे और जर्मनी ने इसके लिए कोई पैसे भी नहीं लिए। हालांकि, ये टैंक नए न होकर पुराने थे, जिनका अलग-अलग देशों की सेनाओं ने इस्तेमाल किया था। हालांकि, इसके बावजूद ये टैंक काफी शक्तिशाली माने जा रहे थे और यूक्रेन भी इन्हें लेने के लिए बहुत बेचैन था। टैंक मिलने के बाद यूक्रेन ने इनका इस्तेमाल पूर्वी मोर्चे पर रूसी सेना के खिलाफ किया, लेकिन कामयाब नहीं हुआ है। विशेषज्ञों ने माना कि यूक्रेनी सैनिकों को इन टैंकों को ऑपरेट करने के लिए अच्छे से ट्रेनिंग नहीं मिली थी, जिस कारण ये रूसी सेना का आसान शिकार बन गए। लेपर्ड-2 टैंक इतना स्थिर है कि इसकी 120 एमएम की मेन गन के सिरे पर रखा बीयर का ग्लास चलने के दौरान बिलकुल नहीं छलकता है। यह टैंक की निशाना लगाने की क्षमता को दिखाता है, जो तेज गति से चलने के दौरान भी सटीक हमला कर सकती है। लेपर्ड-2 जर्मनी का मुख्य युद्धक टैंक है। लेपर्ड-2 टैंक 72 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। हालांकि, उबड़ खाबड़ सड़कों, पहाड़ी इलाकों और दलदली जमीन पर इसकी रफ्तार काफी कम होती है। इस टैंक में 120 एमएम की एल55 मेन गन लगी हुई है। यह टैंक एक बार में 42 राउंड गोले को लेकर युद्धक्षेत्र में जा सकता है। लेपर्ड-2 सेकेंडरी वेंपस में 7.62 एमएम की मशीनगन और एक एंटी एयरक्राफ्ट मशीनगन भी लगी है। इस टैंक की रेंज 370 से 547 किलोमीटर के बीच है। यानी एक बार रिफ्यूल कर इतने किलोमीटर तक ऑपरेट किया जा सकता है। इस टैंक को जर्मनी ने 1985 से 1992 के बीच अलग-अलग बैच में बनाया था। आशीष/ईएमएस 18 दिसंबर 2025