-आजादी के बाद 1920 में तेल मिला और अमेरिकी कंपनियां यहां पहुंचीं वाशिंगटन,(ईएमएस)। वेनेजुएला दक्षिण अमेरिका में है। दक्षिण अमेरिका यानी ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली जैसे देशों वाला महाद्वीप। वेनेजुएला उसके उत्तर-पूर्व में स्थित है, कोलंबिया के पास, ब्राजील के उत्तर में और इसका उत्तरी हिस्सा कैरिबियन सागर से घिरा है। वेनेजुएला अमेरिका से करीब 3200 किलोमीटर दक्षिण में है। वेनेजुएला भारत के गुजरात-राजस्थान जितना है, लेकिन इसकी जनसंख्या 2.8 करोड़ के आसपास है। ये छोटा-सा देश दुनिया के सबसे पॉवरफल देश अमेरिका से भिड़ रहा है। बता दें इस सबके पीछे इस देश छिपा तेल का खजाना है। दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार यहीं है। अरब देशों में नहीं, सबसे ज्यादा तेल इस देश में है। तेल निकालने में और उत्पादन में ये देश पीछे है। अमेरिकी नौसेना का गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जो 30 अगस्त 2025 को पनामा नहर के प्रवेश द्वार के पास खड़ा है। दक्षिणी कैरिबियन क्षेत्र में अमेरिकी नौसैनिक बलों की भारी तैनाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वेनेजुएला का अमेरिका से पुराना रिश्ता है। 19वीं सदी में वेनेजुएला को स्पेन से आजादी मिली थी, फिर 20वीं सदी में तेल की खोज हुई। 1920 के दशक में तेल मिला और अमेरिकी कंपनियां यहां आईं। वेनेजुएला अमेरिका को बहुत तेल बेचता था। 1990 के दशक तक अमेरिका का 15फीसदी तेल वेनेजुएला से आता था। दोनों के बीच रिश्ते बहुत अच्छे थे, लेकिन 1999 में वहां ह्यूगो शावेज नाम के नेता सत्ता में आए और शावेज थे सोशलिस्ट विचारधारा के। शावेज ने तेल कंपनियों को सरकारी बना दिया। वहां की तेल कंपनियों में अमेरिकी कंपनियों की हिस्सेदारी थी, तो शावेज ने अमेरिकी कंपनियों की हिस्सेदारी कम कर दी और शावेज की पूरी पॉलिटिक्स ही अमेरिका विरोधी हो गई। वह सत्ता में ही यही कह कर आए थे कि तेल वेनेजुएला का है और मुनाफा अमेरिका की कंपनियों का होता है। 2002 में शावेज के खिलाफ तख्तापलट की कोशिश हुई और वहां के लोगों का मानना था कि ये अमेरिका करवा रहा था। अमेरिका पर वैसे भी दुनिया के कई देशों में अपने हिसाब से सरकारें बनवाने के आरोप लगते रहे हैं। शावेज के खिलाफ बगावत खड़ी करने में भी अमेरिका का ही हाथ माना गया, लेकिन फिर 2003 से 2008 में तेल की कीमतें बढ़ती चली गईं। आपको भी याद होगा कच्चे तेल के दामों में कैसी आग लग गई थी। वेनेजुएला ने अमेरिकी कंपनियों को बाहर कर दिया था और सारा पैसा वेनेजुएला की सरकार को मिलने लगा। शावेज ने गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी योजनाएं शुरू कीं लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप भी लगने लगे शावेज की सरकार पर। अमेरिका से वेनेजुएला की लड़ाई तेल की ही मानी जा रही है। सिराज/ईएमएस 18 दिसंबर 2025