बीजिंग(ईएमएस)। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन फिलहाल गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। नवंबर 2025 में चीन की आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती स्पष्ट दिखी, जिससे वैश्विक वित्तीय संस्थान आईएमएफ ने बीजिंग को चेतावनी दी है कि देश के विकास मॉडल में गंभीर खामियां हैं। हालांकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे मानने की बजाय अमेरिका पर ‘गला घोंटने’ वाली नीतियों का आरोप लगाते हुए फोकस बदल लिया है। आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक चीन की रिटेल बिक्री नवंबर में केवल 1.3 प्रतिशत बढ़ी, जो कोविड प्रतिबंधों के बाद सबसे कमजोर प्रदर्शन है। इसका संकेत यह है कि चीनी उपभोक्ता खर्च करने में संकोच कर रहे हैं और घरेलू आत्मविश्वास कमजोर हो गया है। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 15 महीने के निचले स्तर 4.8प्रतिशत पर आ गई है, जबकि स्थिर संपत्ति निवेश जनवरी-नवंबर के बीच 2.6 प्रतिशत घटा। ये सभी संकेत चीन की उत्पादन और निवेश आधारित अर्थव्यवस्था के कमजोर होने की तरफ इशारा करते हैं। सबसे बड़ी चिंता का विषय चीन का रियल एस्टेट सेक्टर है। देश की लगभग 70 प्रतिशत घरेलू संपत्ति इसी क्षेत्र में निवेशित है और इसमें गिरावट ने नागरिकों की बचत और निवेश की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। वानके जैसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां डिफॉल्ट से बचने के लिए संघर्ष कर रही हैं। आईएमएफ ने चेताया है कि चीन को आर्थिक संकट से निपटने के लिए अगले तीन साल में अपनी जीडीपी का लगभग 5 प्रतिशत खर्च करना पड़ सकता है। संस्था का सुझाव है कि चीन को केवल निर्यात पर निर्भर रहने के बजाय घरेलू खपत और बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। मौद्रिक प्रोत्साहन पर्याप्त नहीं होगा; देश को आर्थिक संरचना में बदलाव की जरूरत है। हालांकि, जिनपिंग ने आईएमएफ की सलाह को नजरअंदाज करते हुए संकट के लिए अमेरिका और अन्य बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया है। सेंट्रल इकोनॉमिक वर्क कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि चीन का गला घोंटने वाली नीतियों को सफल नहीं होने दिया जाएगा और यह संकेत दिया कि देश अपनी नीतियों में बदलाव किए बिना मौजूदा मॉडल को जारी रखेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन ने जल्द ही घरेलू खपत और आर्थिक विविधता पर ध्यान नहीं दिया, तो निर्यात और निवेश पर आधारित वर्तमान मॉडल देश की वृद्धि और वैश्विक अर्थव्यवस्था दोनों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। वीरेंद्र/ईएमएस 18 दिसंबर 2025