पुतिन के अमेरिका पहुंचने का दावा खबरों में किया जा रहा वाशिंगटन,(ईएमएस)। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर हालिया घटनाक्रम काफी तेजी से बदल रहा हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इस युद्ध को समाप्त करने के लिए एक मियामी वार्ता की तैयारी कर रहा है। व्हाइट हाउस के सूत्रों और रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वीकेंड फ्लोरिडा के मियामी में एक उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है। इस वार्ता का नेतृत्व ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेयर्ड कुश्नर कर सकते हैं। रूस की ओर से किरिल दिमित्रीव (आरडीआईएफ के प्रमुख और पुतिन के करीबी) के शामिल होने की संभावना है। ट्रंप प्रशासन द्वारा तैयार किए गए शांति प्रस्ताव पर चर्चा करना, जिसमें सुरक्षा गारंटी और क्षेत्रीय दावों जैसे जटिल मुद्दे शामिल हैं। ट्रंप का 28-सूत्रीय शांति फॉर्मूला ट्रंप ने इस युद्ध को खत्म करने के लिए एक व्यापक मसौदा तैयार किया है। इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं: यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं, लेकिन धारा 5 जैसी सुरक्षा गारंटी देने का प्रस्ताव है ताकि भविष्य में रूस दोबारा हमला न करे। लेकिन सबसे बड़ा फंसा हुआ मुद्दा है। ट्रंप रूस को डोनबास क्षेत्र सौंपने के लिए यूक्रेन पर दबाव बना रहे हैं, जबकि यूक्रेन इस मामले को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मान रहा है। शांति बनाए रखने के लिए यूरोपीय देशों के सैनिकों की तैनाती पर भी चर्चा हो रही है, इस प्रस्ताव को फिलहाल रूस ने ठुकरा दिया है। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि शांति योजना के लगभग 90 प्रतिशत बिंदुओं पर सहमति बन गई है, लेकिन बाकी के 10 प्रतिशत (विशेषकर जमीन का मुद्दा) सबसे कठिन हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि पुतिन नए साल में बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं और शायद वह शांति वार्ता को केवल समय बिताने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन अपना अंतिम प्रस्ताव कुछ ही दिनों में तैयार कर रूस को सौंपेगा। रूस ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सैन्य उपलब्धियों से पीछे नहीं हटेगा। रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव के अनुसार, रूस जीते हुए किसी भी इलाके को वापस नहीं करेगा। वहीं रूस यूक्रेन में नॉटो के किसी भी शांति सैनिक या लंबी दूरी के हथियारों की तैनाती के खिलाफ है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा हैं कि क्या पुतिन अमेरिका जाएंगे? फिलहाल पुतिन के खुद अमेरिका जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उनके दूत और ट्रंप के सलाहकारों के बीच मियामी में होने वाली यह बैठक युद्ध के अंत की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। आशीष दुबे / 18 दिसंबर 2025