18-Dec-2025


नवाचारों ने पीडब्ल्यूडी को देश के अग्रणी विभागों की श्रेणी में किया स्थापित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने विभाग में किये जा रहे नवाचारो की दी जानकारी भोपाल(ईएमएस)। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विगत दो वर्षों में लोक निर्माण विभाग ने केवल निर्माण कार्यों की गति ही नहीं बढ़ाई है, बल्कि तकनीक के प्रभावी उपयोग, पारदर्शी कार्यप्रणाली, पर्यावरण संरक्षण और सुदृढ़ गुणवत्ता नियंत्रण के क्षेत्र में ऐसे ठोस और दूरदर्शी नवाचार किए हैं, जिनके परिणामस्वरूप लोक निर्माण विभाग आज देश के अग्रणी और उदाहरणीय विभागों की श्रेणी में स्थापित हुआ है। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि “लोकपथ मोबाइल ऐप” के माध्यम से आम नागरिकों को सीधे विभाग से जोड़ा गया है। इस ऐप के जरिए चार दिनों के भीतर सड़क मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है।अब तक 11 हजार से अधिक शिकायतों का सफल निराकरण किया जा चुका है। यह व्यवस्था जन- उत्तरदायित्व, पारदर्शिता और त्वरित सेवा का सशक्त उदाहरण है। उन्होंने जानकारी दी कि 15 सितंबर 2025 से ‘लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली’ लागू की गई है, जिसके अंतर्गत बजटिंग, प्रशासनिक स्वीकृति, टेंडरिंग, मेजरमेंट बुक और कार्य प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। इससे कार्यों में समयबद्धता, पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार हुआ है। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि भास्कराचार्य संस्थान (BISAG-N) के सहयोग से एरियल दूरी की तुलना कर नए एलाइनमेंट की योजना, रोड नेटवर्क मास्टर प्लान और टाइगर कॉरिडोर की वैज्ञानिक डीपीआर तैयार की जा रही है, जिससे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुदृढ़ सड़क नेटवर्क विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण सर्वेक्षण मोबाइल ऐप के माध्यम से अब तक 68,315 किमी की 10,778 सड़कों, 2,633 भवनों, 1,320 पुलों, 503 लोक कल्याण सरोवरों और 314 पौधरोपण स्थलों की डिजिटल मैपिंग पूरी की जा चुकी है, जिससे परिसंपत्तियों का सटीक और पारदर्शी प्रबंधन संभव हुआ है। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता बताते हुए मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा पर्यावरण- अनुकूल निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रत्येक किलोमीटर पर वाटर रिचार्ज बोर, 506 लोक कल्याण सरोवरों का निर्माण, वैज्ञानिक पद्धति से ट्री-शिफ्टिंग, फ्लाईओवर पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग और 1 जुलाई 2025 को 2.5 लाख से अधिक पौधरोपण का कार्य किया गया है। गुणवत्ता नियंत्रण पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) के माध्यम से सड़कों की स्थिति का वैज्ञानिक सर्वे कर योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड आधारित गोपनीय सैंपलिंग, केवल सरकारी रिफाइनरियों (आईओसीएल, एचपीसीएल,बीपीसीएल) से मेक-इन-इंडिया बिटूमिन की आपूर्ति, ₹7.2 करोड़ से 14 मंडलीय प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और 14 चलित प्रयोगशालाओं का संचालन प्रारंभ किया गया है। निविदा प्रक्रिया में सुधार की जानकारी देते हुए मंत्री श्री ने बताया कि अनुचित लो-बिडिंग पर सख्त परफॉर्मेंस गारंटी, ₹2 करोड़ से अधिक के कार्यों में प्रीक्वालिफिकेशन तथा मशीनरी और न्यूनतम मेनपावर की अनिवार्यता लागू की गई है। प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में विभाग की पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि CRRI, IAHE, IRC और BISAG-N जैसे राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से इंजीनियरों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। भोपाल में ₹350 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय स्तर के ‘इंजीनियरिंग रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट’ की स्थापना प्रस्तावित है तथा 1,632 इंजीनियरों के साथ ट्रेनिंग नीड असेसमेंट किया जा चुका है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि एसओआर में एफडीआर,व्हाइट टॉपिंग, माइक्रो सरफेसिंग, ऑटोमैटिक पैच रिपेयर मशीन, यूएचपीएफ़आरसी और जीएफआरपी जैसी नवीन तकनीकों को शामिल कर सड़कों की आयु, मजबूती और लागत दक्षता को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की यह नई कार्यसंस्कृति “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की भावना को साकार करती है और आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश को अवसंरचना विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। हरि प्रसाद पाल / 18 दिसम्बर, 2025