खेल
20-Dec-2025
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लंदन (ईएमएस)। इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से भी अधिक कठिन होता है। पनेसर की ये बातें ऑस्ट्रेलिया में जारी एशेज सीरीज में इंग्लैंड की खराब स्थिति को देखते हुए सही लगती हैं। इंग्लैंड की टीम को एशेज के पहले दोनो ही मैचों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। दोनो ही टीमें पिछले करीब 100 साल से एशेज सीरीज में मुकाबला करती आ रही हैं। इंग्लैंड की टीम काफी समय से ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज तक नहीं जीत पायी है। पिछले 14 साल से वह एशेज भी नहीं जीती है। पनेसर ने इसी कारण ऑस्ट्रेलिया में जीत की तुलना ओलंपिक स्वर्ण से की है। उनके अनुसार यहां ओलंपिक के स्तर की ही चुनौती का सामना करना पड़ता है। इंग्लैंड की टीम बेन स्टोक्स की कप्तानी में जीत के इरादे से ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी पर उसे पहले दोनो ही मैचों में हार झेलनी पड़ी वहीं तीसरे टेस्ट में भी वह बेहत दयनीय स्थिति में है। पनेसर ने ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड की 2010-11 एशेज जीत को याद करते हुए कहा कि इस बार इंग्लैंड की टीम को अभ्यास मैच नहीं मिले, जिससे वे पता लगा सकें कि किस प्रकार से खेला जाये। इसके साथ ही इंग्लैंड ने जिस तरह से तेज, उछाल वाली पिचों पर खेला है, वह भी नुकसानदेह रहा है। उन हालात में ऊपर की तरफ खेलना और भी कठि हो जाता है। इंग्लैंड में आप इससे बच सकते हैं, क्योंकि गेंद में उतना उछाल नहीं होता पर कम उछाल में तालमेल बिठाना कठिन होता है। इसके अलावा कैच छोड़ना भी टीम को भारी पड़ा है। पनेसर ने कहा कि इन्हीं सब कारणों से ऑस्ट्रेलिया में जीतना बहुत मुश्किल है। इंग्लैंड के लिए यह शायद हर 20 साल में एक बार होता है। इयान बॉथम के जमाने में, टीमें कुछ महीने पहले आ जाती थीं, स्टेट टीमों के खिलाफ खेलती थीं और हालात के हिसाब से ढल जाती थीं, क्योंकि इसमें समय लगता है। अब ऐसा नहीं है। इसलिए ऑस्ट्रेलिया में जीतना ओलंपिक स्वर्ण जीतने से भी ज्यादा कठिन होता है। गिरजा/ईएमएस 20 दिसंबर 2025